Bihar News: वॉलीबॉल में हारे बच्चे तो शिक्षक ने बेटिकट लौटाया, टीटीई ने पकड़ा तो कई खुलासे किये…
Bihar News: किशनगंज में अंडर 19 वॉलीबॉल खेलने गए बच्चे जब मैच हार गए तो उन्हें बेटिकट लौटा दिया गया. बच्चे किसी तरह किशनगंज पहुंचे लेकिन टीटीई के रडार पर चढ़ गए.
Bihar News: बिहार राज्य अंतरजिला विद्यालय वॉलीबॉल अंडर 19 प्रतियोगिता में भाग लेकर लौट रहे किशनगंज के खिलाड़ियों को यह पता नहीं था कि प्रतियोगिता में हार मिलने के बाद उन्हें घर लौटने पर अनेकों परेशानी का सामना करना पड़ेगा. दरअसल, बीते शनिवार को मधुबनी की टीम ने किशनगंज की टीम को पराजित कर दिया. प्रतियोगिता से बाहर होने के बाद सभी खिलाड़ी वापस लौट रहे थे. ये खिलाड़ी मानसिक यातनायें झेलते हुए वापस लौटने पर मजबूर हुए. इनके साथ गए शिक्षक ने इन बच्चों को बिना टिकट ही ट्रेन में बैठाकर भेज दिया. स्टेशन पर टिकट न होने के कारण वे पकड़े गये तो अपना दर्द बयां किया.
मधुबनी से जैसे-तैसे वापस लौटे बच्चे
किशनगंज से अंडर -19 वॉलीबॉल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए विगत 25 सितंबर को छात्रों की टीम मधुबनी रवाना की गई थी. वॉलीबॉल टीम में शामिल खिलाड़ियों को किशनगंज के खगड़ा खेल भवन से रवाना किया गया था. रविवार को किशनगंज वापसी पर खिलाड़ियों ने ले जाने और रहने, खाने-पीने और किशनगंज वापसी पर उनके साथ जो सुलूक हुआ उसे दुखद बताया और कहा कि अब जीवन में दोबारा वह खेल विभाग द्वारा कहीं भेजने पर कभी नहीं जायेंगे. इनमें ग्यारहवीं कक्षा के उत्सव कुमार, रूक्कन टिगा, रितु राज, मनोज टिरकी, दीपक हासदा,जबकि दसवीं कक्षा के अरसलान अंजुम, आयान सोहेब, अनस, आबिद हुसैन के नाम शामिल हैं.
शिक्षक बीच रास्ते में उतर गए, बच्चों को टीटीई ने पकड़ा
किशनगंज पहुंचने पर उत्सव कुमार ने बताया कि किशनगंज से साथ लेकर गये सरकारी शिक्षक बंधन कुमार ने उन्हें मधुबनी से बिना टिकट के ट्रेन में बिठा दिया. बताया गया कि मेरे पास जो पैसे थे उससे केवल एक ही टिकट हो पाया और उक्त शिक्षक खुद खगड़िया में उतर गये. इसके बाद हम लोग भूखे प्यासे ट्रेन बदलते एवं मानसिक यातनायें झेलते हुए जैसे-तैसे किशनगंज पहुंचे. उक्त सभी खिलाड़ियों को बिना टिकट किशनगंज रेलवे स्टेशन में पकड़ लिया गया. जिसकी सूचना एक स्थानीय जनप्रतिनिधि को मिली और उन्होंने सभी खिलाड़ियों को छुड़ाया.
बच्चों का मनोबल तोड़ा गया, लोगों के बीच चर्चा
किशनगंज के खिलाड़ियों के साथ हुई इस घटना ने सबको हैरान कर दिया है. बच्चों के साथ घटी इस घटना पर लोगों का कहना है कि उक्त सभी छात्रों का मनोबल तोड़ा गया है अगर ऐसी व्यवस्था रही तो जिला से कौन खिलाड़ी कहीं खेलने जायेगा और खेल को बढ़ावा कैसे मिलेगा यह एक बहुत बड़ा सवाल है.