जिले के सदर अस्पताल में जारी है मुंह के कैंसर की बायोप्सी
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि मुंह में बनी रहने वाली किसी भी प्रकार की असहजता, घाव या दर्द की स्थिति में डॉक्टर से मिलकर इलाज कराना बहुत आवश्यक हो जाता है.
कैंसर जांच करना होगा आसान किशनगंज.जिले में मुंह के कैंसर के मरीजों के लिए अच्छी खबर है. अब मुंह के कैंसर के मरीजों को बायोप्सी कराने के लिए पूर्णिया या सिलीगुड़ी का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. क्योंकि सदर अस्पताल में बायोप्सी की सुविधा उपलब्ध है. अब मरीजों के लिए नियमित रूप से बायोप्सी जांच की जा रही है. सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार की पहल पर जिले के सदर अस्पताल में होमी भाभा के डॉक्टर के द्वारा बायोप्सी की सुविधा उपलब्ध है. बीपीएल कार्ड व आयुष्मान भारत कार्ड वाले लोगों की कैंसर की बायोप्सी पूरी तरह से नि:शुल्क रखी गई है. लेकिन, जिन लोगों के पास ये कार्ड्स नहीं हैं उनके लिए शुल्क 350 रुपया निर्धारित किया गया है. जो निजी संस्थानों से काफी कम है. इस सुविधा के शुरू हो जाने से लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी. उन्होंने कहा कि कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान होने से मरीज का समय से इलाज संभव है. सदर अस्पताल में अब तक 05 व्यक्ति की बायोप्सी की जा चुकी है.
कैंसर जांच करना होगा आसान
गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि बायोप्सी के माध्यम से आसानी और कम समय में कैंसर की पहचान हो जाती है. इसके लिए मरीज के मुंह के अंदर प्रभावित इलाकों से टिशू नमूने के रूप में लिए जाते हैं. जिसके बाद मशीन से उसकी जांच होती है. हालांकि, बायोप्सी कई प्रकार की होती है. कई स्थानों पर ऑप्टिकल बायोप्सी की भी सुविधा है. उन्होंने बताया कि कैंसर की प्रारंभिक पहचान मरीज स्वयं कर सकते हैं. इसके लिए लक्षणों की पहचान जरूरी है. स्वयं जांच करने के लिए मरीज को अपने मुंह को साफ पानी से धोते हुए कुल्ला करना होगा. उसके बाद आइने के सामने अच्छी रोशनी में सफेद या लाल छाले, न ठीक होने वाले पुराने जख्म या घाव के साथ पूरा मुंह न खोल पाने जैसी बातों की जांच करनी है. यह परीक्षण महीने में एक बार अनिवार्य है. इससे कैंसर के लक्षणों की पहचान होगी. अगर उनमें मुंह के कैंसर के प्रारंभिक लक्षण दिखे, तो तुरंत उन्हें डॉक्टर की सलाह लेने को कहें.मुंह के कैंसर के लक्षण
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि मुंह में बनी रहने वाली किसी भी प्रकार की असहजता, घाव या दर्द की स्थिति में डॉक्टर से मिलकर इलाज कराना बहुत आवश्यक हो जाता है. यदि ये लक्षण दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक बने रहते हैं तो इसे गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर की सलाह के आधार पर जांच जरूर करा लेनी चाहिए. यह कैंसर का संकेत हो सकता है.कैंसर लाइलाज नहीं, समय से पहचान व इलाज है जरूरी
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि कैंसर अब लाइलाज बीमारी नहीं है. बस इसका सही समय पर पता करना तथा शुरुआती लक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है. ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं में इन दिनों स्तन कैंसर एवं पुरुषों में मुंह का कैंसर ज्यादा सामने आ रहा है. उन्होंने बताया कि तंबाकू सेवन मुख के कैंसर का प्रमुख कारण है. इसके लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों की आशा, विद्यालय के शिक्षकों, सीएचओ और एएनएम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है