दिघलबैंक.सीमावर्ती क्षेत्र में तेजी से विकास एवं सुरक्षा के दृष्टिकोण के उद्देश्य बनाए जा रहे, निर्माणाधीन सीमा सड़क इन दिनों लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है.सीमा सड़क निर्माण के समय दिघलबैंक प्रखंड क्षेत्र के सीमावर्ती इलाके में अधिकांश सड़क एवं पुल पुलियों को तोड़ दिया गया था,ताकि वहां चौड़ी व लंबा पुल का निर्माण हो सके. ताकि आम लोगों को ज्यादा सहूलियत मिल सकें. शुरुआती समय में कार्य को प्रगति पर देख कर सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों के मन में कई हसीन सपने घर बसाने लगे थे. सीमावर्ती क्षेत्र में चौड़ी और लंबी सड़क बनने से लोगों को आवागमन में सहूलियत मिलेगी,साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा.सीमावर्ती क्षेत्र से बड़े शहरों में जाने के लिए भी कम दूरी तय करनी पड़ती. मगर लोगों का यह सपना सच होने के बजाय आज उन सड़क और पुल-पुलिया को देख कर मन में बहुत तकलीफ होता है.क्योंकि वह सड़क बरसात के दिनों में चलने लायक भी नहीं बचा.वही पूल के नीचे से डायवर्सन पर पानी भर गया है.जिससे कई ऐसे महत्वपूर्ण सड़कें हैं जिस पर आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है. क्षेत्र के विकास के उद्देश्य बनाए जा रहे हैं यह सीमा सड़क, इन दिनों प्रखंड वासियों के लिए विकास में रोड़ा साबित हो रहा है.दिघलबैंक बाजार से हरूवाडांगा जाने वाली सीमा सड़क दिघलबैंक चूरीपट्टी के समीप मुख्य सड़क पर बड़ा गड्ढा हैं. इस सड़क में संवेदक द्वारा मिट्टी नही डाला गया जीस कारण कच्ची सड़क पर कमर भर पानी जमा रहता हैं. लोगों को आने-जाने के लिए यह शॉर्टकट व मुख्य सड़क है.इन दिनों बारिश का पानी जमा होने के कारण लोगों को काफी दूर घूम कर या फिर कमर भर पानी तैरकर ही आवागमन करते हैं.सबसे ज्यादा दिक्कत सड़क के उसपर उत्क्रमित मध्य विद्यालय दिघलबैंक है.विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को प्रत्येक दिन पानी तैर कर विद्यालय जाना पड़ता है. जो परेशानी के साथ-साथ खतरा भी बना रहता है. इस सूरत में या तो बच्चे विद्यालय न जाए. या फिर विद्यालय जाने के लिए उन बच्चों को कमर भर पानी पार कर जाना पड़ेगा जो गंभीर समस्या है. सबसे मजे की बात यह है कि इसे देखने के लिए कोई तैयार नहीं है न एमपी न एमएलए और न ही जनप्रतिनिधि ही. कई जगहों पर यह सीमा सड़क पूरा खराब हो गया हैं. सड़क पर डाले गये मिट्टी इन दिनों भारी कीचड़ का रूप ले लिया हैं.वही डायवर्शन पर पानी भर गया हैं.जरूरतमंद लोग बड़ी मुश्किल से कमर भर पानी तैरकर जान जोखिम में डालकर आवागमन करते हैं.सबसे ज्यादा हालत खराब धनतोला से गंधर्वडांगा जाने वाली सड़क में हाथीडुब्बा डायवर्शन पर पानी जमा है. हैं.वही मोटरसाइकिल, साइकिल,टेम्पू चालकों को दिघलबैंक आने के लिए लंबी दूरी तय कर आना पड़ता है.वहीं निर्माण के अधर में लटका सीमा सड़क के पुल पुलिया को ठीक करने की जहमत ना तो जनप्रतिनिधि दिखा रहे हैं,और ना ही प्रशासन ही इस ओर ध्यान दे रहा है. जिस कारण आम लोगों की परेशानी दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही हैं. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सड़क की मरम्मती की मांग की है.ताकि लोग कम दूरी तय कर रोजमर्रा की वस्तु खरीदने आ सके
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