21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परिवार नियोजन दिवस का आयोजन

.परिवार कल्याण कार्यक्रम और बाल जीवन रक्षा और सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम के तहत सेवाओं और हस्तक्षेपों को प्रजनन और बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के साथ एकीकृत किया गया है. जो ग्राहक की पसंद, सेवा की गुणवत्ता, लिंग मुद्दों और वंचित समूहों जैसे पहलुओं को संबोधित करता है.

किशनगंज.परिवार कल्याण कार्यक्रम और बाल जीवन रक्षा और सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम के तहत सेवाओं और हस्तक्षेपों को प्रजनन और बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के साथ एकीकृत किया गया है. जो ग्राहक की पसंद, सेवा की गुणवत्ता, लिंग मुद्दों और वंचित समूहों जैसे पहलुओं को संबोधित करता है. जिसमें किशोर भी शामिल हैं. जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग और सरकार प्रतिबद्ध है. इसको लेकर समुदाय स्तर पर तमाम कार्यक्रम चलाये जा रहें है. इसी कड़ी में विभाग के द्वारा जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मंगलवार परिवार नियोजन दिवस मनाया गया. जिसमें महिलाओं के साथ परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधानों पर स्वास्थ्यकर्मियों को द्वारा चर्चा की गयी. सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बातया कि सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सीएचओ के द्वारा ग्रामीणों को परिवार नियोजन के सतही एवं अस्थाई संसाधनों के उपयोग पर जागरूक किया गया है जिसमे कॉपर-टी एक अस्थायी विधि जिससे बच्चों के जन्म में अंतर रखा जा सकता है. कॉपर- टी विधि 10 वर्षों एवं 5 वर्षों के लिए अपनायी जा सकती है. कॉपर-टी निकलवाने के बाद प्रजनन क्षमता तुरंत वापस आ जाती है. गर्भनिरोधक गोली माला-एन एक सुरक्षित हार्मोनल गोली है जिसे महिला को एक गोली प्रतिदिन लेनी होती है. माहवारी शुरू होने के 5वें दिन से गोली की शुरुआत करनी चाहिए. स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रसव के 6 माह तक इस गोली का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. अंतरा एवं छाया दोनों परिवार नियोजन की नवीन अस्थायी विधियां हैं. अंतरा एक सुई है जो तीन माह तक प्रभावी रहती है. लंबे समय तक सुरक्षा के लिए हर तीन महीने में सुई लगवानी होती है. जबकि छाया एक गोली है जिसे सप्ताह में एक बार तीन महीने तक, फिर सप्ताह में केवल एक बार जब तक बच्चा न चाहें.

सरकारी स्वास्थ्य सुविधा का लाभ घर-घर तक पहुंचाना है उद्देश्य

जिला योजना समन्वयक विस्वजित कुमार ने बताया की परिवार नियोजन जैसी योजनाओं की बात करें तो जिले में शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र के लोग काफी जागरूक दिखाई दे रहे और परिवार नियोजन को बढ़ावा देने में पुरुष एवं महिलाओं को आदर्श दंपत्ति हेतु जागरूक कर परिवार नियोजन का साधन अपनानें को प्रेरित कर उनका लाभ दिला आवश्यक है. परिवार नियोजन में महिलाओं के साथ पुरुष की भी अहम भूमिका होती है. ऐसे में सुखी और खुशहाल परिवार के लिए दंपति की बराबर पहल करनी चाहिए. दो बच्चों के बाद यदि किसी कारण से महिला नसबंदी नहीं कर सकती है तो पुरुष को नसबंदी करा लेनी चाहिए. इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है. पुरुष नसबंदी कराने पर व्यक्ति को 3000 हजार रुपये और प्रेरक को 400 रुपये प्रोत्साहन धनराशि तत्काल मिलता है. महिला नसबंदी कराने पर 2000 महिला को और प्रेरक को 300 रुपये मिलते हैं. प्रसव के बाद तत्काल महिला नसबंदी पर 3000 और प्रेरक को 400 रूपये प्रोत्साहन धनराशि दी जाती है. इसके अलावा अंतरा इंजेक्शन और आईयूसीडी पर भी प्रोत्साहन धनराशि की सुविधा है. उन्होंने कहा कि समाज को स्वास्थ्य को लेकर जागरूक करने में आशा की भूमिका महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही अस्थायी साधनों का भी वितरण किया जा रहा है.

महिला नसबंदी एक स्थायी साधन है जिसे मात्र 15 मिनट में दक्ष चिकित्सक द्वारा किया जाता हैसदर अस्पताल की महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ पूनम ने बताया कि महिला नसबंदी एक स्थायी साधन है जिसे मात्र 15 मिनट में दक्ष चिकित्सक द्वारा किया जाता है या विधि प्रसव/ गर्भपात के 7 दिन के अंदर या 6 सप्ताह बाद अपनाया जा सकता है. पुरुष नसबंदी भी एक स्थायी साधन है जिसे मात्र 10 मिनट में दक्ष चिकित्सक द्वारा बिना चीड-फाड़ के किया जाता है जिसमें 1 घंटा बाद लाभार्थी की छुट्टी भी हो जाती है. यह विधि कभी भी अपनायी जा सकती है.

परिवार नियोजन कार्यक्रमों की आवश्यकता के निम्नलिखित कारण है

जनसंख्या वृद्धि के भारी बोझ को कम करना.

कम उम्र में शादी में देरी करना.महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना.

कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना.सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत बनाना.

जन्मों के बीच अंतर बढ़ाना.परिवार का आकार सीमित करना.

उचित टीएफआर स्तर बनाए रखना.तेजी से जनसंख्या वृद्धि के कारण समाज में व्याप्त असमानता और गरीबी को कम करना.

लोगों के बढ़ते जीवन स्तर को पूरा करने के लिए देश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ाना.परिवार नियोजन में सहायता के लिए उपलब्ध सरकारी सेवाओं के बारे में दम्पत्तियों को जानकारी प्रदान करना.

परिवार नियोजन कार्यक्रम के उद्देश्य

प्रजनन क्षमता में कमी और जनसंख्या वृद्धि धीमी होना.

देर से विवाह को बढ़ावा देना.शिशु मृत्यु दर को कम करना.

महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार हेतु.संचारी रोगों की रोकथाम हेतु.

योग्य दम्पत्तियों को परिवार नियोजन विधियों और सेवाओं के बारे में जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करना.यह सुनिश्चित करने के लिए कि व्यक्ति और जोड़े स्वस्थ, सुखी और समृद्ध जीवन जिएं.

परिवार नियोजन कार्यक्रमों की विशेषताएं

जन्म अंतर (ईएसबी) सुनिश्चित करना.पुरुषों की भागीदारी बढ़ाना और गैर-स्केलेबल पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देना.

परिधीय सुविधाओं के स्तर तक गर्भनिरोधक आपूर्ति प्रबंधन में सुधार करना.गर्भावस्था परीक्षण किट (पीटीके) की डिलीवरी सुनिश्चित करना.

आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से गर्भ निरोधकों (एचडीसी) की होम डिलीवरी प्रदान करना.गर्भनिरोधक तक पहुंच में सुधार के लिए नए हस्तक्षेपों को बढ़ावा देना.

परिवार नियोजन सेवाओं का आश्वासन प्रदान करना.प्रसवोत्तर (पीपीएफपी) सेवाओं पर अधिक जोर.

अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण (आईयूसीडी) जैसे विभेदक तरीकों पर जोर.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें