किशनगंज दीपावली और महापर्व छठ के आगमन के साथ ही सुस्त पड़े चाक ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है. कुम्हार समाज के लोग दीपावली की तैयारियों में जुट गए हैं. शहर में कई जगहों पर मिट्टी के बर्तनों की दुकानें भी सज गई है. मांग बढ़ने से कुम्हार चाक के सहारे दीप,कलश एवं पूजा में उपयोग में आने वाले मिट्टी के बर्तन को बनाने में जुट गए हैं. शहरी क्षेत्र से लेकर सुदूर ग्रामीण इलाकों तक के विभिन्न इलाकों में कुम्हार चाक पर काम करते देखे जा रहे हैं.कई कुम्हारों ने पूछे जाने पर बताया कि दुर्गा पूजा के पूर्व उनका काम कुछ मंदा पड़ गया था लेकिन नवरात्र में मिट्टी के बने बर्तनों की मांग बाजार में बढ़ने के कारण वे लोग लगातार काम कर रहे हैं. कुम्हारों का कहना है कि मिट्टी के बर्तनों की मांग पर्व-त्योहारों में अचानक बढ़ जाती है. खासकर दीपावली से लेकर छठ तक मिट्टी के बर्तनों की मांग काफी रहती है. ऐसे में दिन-रात एक कर मिट्टी के बर्तन को बनाने का कार्य किया जा रहा है. इस कार्य में कुम्हार तथा उनके पूरे परिवार के लोग बर्तन बनाने के साथ ही उन्हें सुखाने व आग में पकाने आदि का कार्य कर रहे हैं.क्योंकि पारंपरिक रूप से दीपावली में मिट्टी के दिए का उपयोग होता है. छठ में भी मिट्टी के बर्तनों की डिमांड हो जाता है.जिसको लेकर कुम्हारों द्वारा लगातार मिट्टी के बर्तनों का निर्माण जारी है.
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