मानसिक यातनायें झेलते हुये वालीबाल प्रतियोगिता में भाग लेकर 9 छात्र पहुंचे किशनगंज
प्रतिनिधि, किशनगंज
किशनगंज से अंडर -19 वाॅलीबाॅल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए विगत 25 सितंबर को छात्रों की टीम मधुबनी रवाना की गई थी. वाॅलीबाॅल टीम में शामिल खिलाड़ियों को किशनगंज के खगड़ा खेल भवन से रवाना किया गया था. रविवार को किशनगंज वापसी पर खिलाड़ियों ने ले जाने और रहने खाने पीने एवम किशनगंज वापसी पर उनके साथ जो सुलूक हुआ उसे दुखद बताया और कहा कि अब जीवन में दुबारा वह खेल विभाग द्वारा कहीं भेजने पर कभी नहीं जायेंगे. इनमें ग्यारहवीं कक्षा के उत्सव कुमार, रूक्कन टिगा, रितु राज, मनोज टिरकी, दीपक हासदा,जबकि दसवीं कक्षा के अरसलान अंजुम, आयान सोहेब, अनस, आबिद हुसैन के नाम शामिल हैं. किशनगंज पहुंचने पर उत्सव कुमार ने बताया कि किशनगंज से साथ लेकर गये सरकारी शिक्षक बंधन कुमार ने उन्हें मधुबनी से बिना टिकट के ट्रेन में बिठा दिया मेरे पास जो पैसे थे उससे केवल एक ही टिकट हो पाया और उक्त शिक्षक खुद खगड़िया में उतर गये फिर हम लोग भूखे प्यासे ट्रेन बदलते एवं मानसिक यातनायें झेलते हुए जैसे-तैसे किशनगंज पहुंचे. उक्त सभी खिलाड़ियों को बिना टिकट किशनगंज रेलवे स्टेशन में पकड़ लिया गया. जिसकी सूचना किशनगंज नगर परिषद अध्यक्ष सह अधिवक्ता इन्द्रदेव पासवान को मिलने पर उन्होंने सभी खिलाड़ियों को छुड़ाया. इस मामले पर इन्द्रदेव पासवान ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि उक्त शिक्षक की यह बहुत ही निन्दानीय एवम गंभीर लापरवाही है. इससे छात्रों के साथ कुछ भी घटना घट सकती थी. इस मामले को लेकर मैं किशनगंज जिला पदाधिकारी से मांग करता हूं कि किशनगंज जिला पदाधिकारी संज्ञान में लेकर कड़ी कार्रवाई करें. नप अध्यक्ष इन्द्रदेव पासवान ने कहा कि उक्त सभी छात्रों का मनोबल तोड़ा गया है अगर ऐसी व्ववस्था रही तो जिला से कौन खिलाड़ी कहीं खेलने जायेगा और खेल को बढ़ावा कैसे मिलेगा यह एक बहुत बड़ा सवाल है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है