सर्द हवाओं ने बढ़ायी कनकनी, अलाव की मांग
जिले में ठंड का कहर जारी है लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा चौक चौराहों पर किसी भी तरह के अलाव की व्यवस्था नही किया है,
किशनगंज.ठंड गरीब लोगों की जिंदगी में बड़ी मुसीबत लेकर आती है. कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने तो यही लिखा था पूस की रात की कहानी में आज भी यह सच है. बिहार का सीमावर्ती जिला किशनगंज जिसे बिहार के मिनी दार्जिलिंग के रूप में भी जाना जाता है. इन दिनों हाड़ कंपाने वाली सर्द हवाएं चल रही है. जिले में ठंड का कहर जारी है लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा चौक चौराहों पर किसी भी तरह के अलाव की व्यवस्था नही किया है, जिससे खासकर गरीब और मजदूरी करनेवाले लोग ठंड से ठिठुर रहें है. लोगों का कहना है की न तो जिला प्रशासन के द्वारा और न ही जनप्रतिनिधियों के द्वारा अलाव की व्यवस्था की गयी है. स्थानीय लोगों का कहना है की सार्वजनिक जगह पर अलाव जलाने की व्यस्था हो जाती तो ठंड से कुछ हद तक आम लोगों को राहत मिलती, मगर अलाव की व्यवस्था न होने से आमजनों को इस ठंउ में ठिठुरना पड़ रहा है. ठंड से बचने के लिए गरीब लोग किसी तरह प्लास्टिक, कूट कार्टून, कचरा आदि जलाकर लोग ठंड से बचने का प्रयास कर रहें है.
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