ठाकुरगंज. रविवार को मुख्यमंत्री के निशाने पर परिवादवाद रहा. किशनगंज से जदयू उम्मीदवार के रूप में खड़े मास्टर मुजाहिद आलम के पक्ष में एक महती जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने परिवारवाद के नाम पर लालू परिवार पर जम कर निशाना साधा. किशनगंज में रविवार को चुनावी सभा में नीतीश कुमार लालू यादव और राबड़ी देवी पर खूब बरसे. नीतीश कुमार ने कहा कि वे लोग गड़बड़ कर रहे थे इसलिए उन लोगों को हटा दिया. उन्होंने एनडीए के प्रत्याशी मास्टर मुजाहिद के लिए लोगों से वोट मांगे. कार्यक्रम का आयोजन ठाकुरगंज के गांधी मैदान में हुआ था.
हट गए तो बीबी को बना दिया
किशनगंज संसदीय सीट के लिए यह मुख्यमंत्री का पहला चुनावी कार्यक्रम था. सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने लालू यादव और राबड़ी देवी को निशाना बनाया. उन्होंने कहा कि पति-पत्नी ने मिलकर बिहार पर सालों तक शासन किया. पहले पति सीएम बने और जब वे हट गये तो पत्नी को बना दिया. नीतीश ने कहा कि, हट गए तो बीबी को बना दिया…अब आजकल बेटे को आगे कर दिया है. बेटा-बेटी सबको लगा दिया है. इतने ज्यादा पैदा करना चाहिए किसी को, बाल-बच्चा?पुराने दिनों की याद दिलाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि ””””हम जब 2005 में मुख्यमंत्री बने तो बिहार में कुछ नहीं था. लोग घर से बाहर निकलने में भी डरते थे. मेरे मुख्यमंत्री बनने के बाद कई काम हुए. उन्होंने लोगों से कहा कि अपने बच्चों को बताईएगा कि पहले क्या हाल था और अब क्या हाल है. पहले दंगे और झगड़े होते थे, लेकिन अब सब बंद हो गये.विकास के नाम पर मतदान की अपील
इस दौरान मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने लोगों से विकास के मुद्दे पर एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने की अपील की. मुख्यमंत्री को सुनने के लिए 5 हजार से अधिक लोग सुबह नौ बजे से ही आयोजन स्थल पर पहुंचने लगे थे. वहीं सुबह करीब 11 बजे मुख्यमंत्री का हेलिकप्टर ठाकुरगंज गांधी मैदान में उतरा. 40 मिनट के संबोधन में मुख्यमंत्री ने अपनी विकास गाथा की चर्चा के साथ-साथ अपने संबोधन में अल्पसंख्यकों के लिए कार्य को लोगों के बीच रखा. कहा कि जिसने कुछ काम नहीं किया उनको वोट कीजिएगा? बीजेपी के साथ हम काम कर रहे तो हमें ही वोट कीजिएगा न.
लालू परिवार रहा निशाने पर
इस दौरान लालू परिवार पर जमकर हमला बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा की उनका बेटा बोलता रहता है कि मैंने नौकरी दी है. उसने क्या किया है नौकरी हमने दी है. हमने 10 लाख कहा है तो अगले साल तक 10 लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी मिलेगी. इस दौरान हाल में हुई बीपीएससी से शिक्षक बहाली की चर्चा करते हुए कहा की जब विजय चोधरी मंत्री थे, तभी शिक्षकों को नौकरी देने का कार्य शुरू हो गया था. उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय जनता दल के शासनकाल के दौरान किसी को नौकरी नहीं दी गयी, राज्य में जो भी नियुक्तियां हुईं, वे उनके कार्यकाल के दौरान हुईं.बिहार के विकास की खुलकर की चर्चा
इस दौरान नीतीश कुमार ने अपने शासनकाल में हुए विकास के हर पहलु को लोगों को याद दिलाया, चाहे सड़क हो या स्वास्थ्य या कानून व्यवस्था या फिर शिक्षा में किये गये कार्य, सभी की चर्चा कर पहले के बिहार और अब के विहार की चर्चा की. इस दौरान शिक्षा के मामले में बेटियों को दिये जाने वाले लाभ की चर्चा की तो तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को मिलने वाले भत्ते की बढ़ोतरी की चर्चा करना भी नहीं भूले. नीतीश ने महिला हित में किये गये कार्यों को गिनाते हुए कहा कि महिलाओं को स्नातक पास करने पर सरकार की ओर से 50 हजार रुपए दिये जाते हैं. पंचायत चुनाव एवं नगर निकाय चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया. शिक्षक व पुलिस की नौकरी में भी आरक्षण दिया गया. मदरसों को सरकारी किया गया. कब्रिस्तान की घेराबंदी भी की. सीएम ने कहा कि अब एक लाख कब्रिस्तान की और घेराबंदी की जायेगी. साथ ही 60 वर्ष पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार भी किया जायेगा.
जो बिहार ने किया उसे देश ने अपनाया
इस दौरान देश में सबसे पहले महिला आरक्षण बिहार में लागू करने का श्रेय लेते हुए कहा कि बिहार हमेशा देश को नया रास्ता दिखाता रहा है, चाहे महिला आरक्षण की बात हो या लड़कियों के उत्थान के लिए साइकिल योजना, पोशाक योजना जैसे कार्य पहले बिहार में लागू हुआ उसके बाद देश-विदेश में इसे लागू किया गया. उन्होंने कहा कि लड़कियों के लिए साइकिल के बिहार सरकार के मॉडल को जाम्बिया सहित सात अफ्रीकी देशों में सफलतापूर्वक दोहराया गया था. जिसे स्कूलों में नामांकन बढ़ाने और महिलाओं को सशक्त बनाने के एक उपकरण के रूप में संयुक्त राष्ट्र द्वारा भी समर्थन दिया गया था.बिहार की जीविका देश में बनी आजीविका
मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने कहा कि उनके द्वारा शुरू की गयी जीविका योजना के कार्य को देखने के बाद ही तत्कालीन केंद्र की सरकार ने देश में आजीविका की शुरुआत की थी. स्वंय सहायता समूह को आगे बढ़ाने के लिए विश्व बैंक से कर्ज लिया. इसको विस्तार करके इसका नाम जीविका किया गया. सीएम ने कहा कि अब शहरी क्षेत्र में भी इसे लागू किया जायेगा. इससे महिलाओं का जीवन स्तर काफी ऊपर हुआ है. महिलाओं की बेहतरी के लिए हो रहे काम को देख केंद्र सरकार ने जीविका की जगह आजीविका नाम से योजना चलाई.