किशनगंज में यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम को ले सीएमई कार्यशाला आयोजित

राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत किशनगंज में कंटिन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | February 7, 2025 9:43 PM

टीबी मुक्त भारत 2025 अभियान को गति देने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को दी गई नवीनतम जानकारीकिशनगंज.राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत किशनगंज में कंटिन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों, चिकित्सा पदाधिकारियों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को टीबी की नवीनतम जांच तकनीकों, उपचार पद्धतियों और रोकथाम के उपायों की जानकारी दी गई.

कार्यशाला में चिकित्सा विशेषज्ञों ने रखे अपने विचार

जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा, “टीबी उन्मूलन के लिए आधुनिक तकनीकों और नई नीतियों को अपनाना बेहद आवश्यक है.सीएमई कार्यशाला का उद्देश्य स्वास्थ्य कर्मियों को नवीनतम मेडिकल अपडेट्स से अवगत कराना है, जिससे वे जमीनी स्तर पर बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकें. ”

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने कार्यशाला के दौरान कहा कि टीबी के प्रसार को रोकने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है. इस कार्यशाला के माध्यम से हमने उन्हें सीवाई- टीबी टेस्ट, प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट और अन्य आधुनिक विधियों की विस्तृत जानकारी दी है. यदि प्रारंभिक अवस्था में ही टीबी की पहचान कर ली जाए, तो इसके प्रसार को रोका जा सकता है.

स्वास्थ्य कर्मियों को दी गई विशेष ट्रेनिंग

इस कार्यशाला में किशनगंज जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए मेडिकल ऑफिसर ,बीएचएम, सीएचओ, एएनएम और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने भाग लिया. विशेषज्ञों ने टीबी के लक्षणों की पहचान, जांच के नए तरीकों और मरीजों के बेहतर उपचार के लिए अपनाई जाने वाली रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की.

टीबी मुक्त भारत अभियान को मिलेगा बल

डॉ मंजर आलम ने कहा कि जिले में टीबी उन्मूलन के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है. उन्होंने कहा कि 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. सीएमई जैसी कार्यशालाएं हमारे स्वास्थ्य कर्मियों को सशक्त बनाती हैं, जिससे वे समुदाय में बेहतर जागरूकता फैला सकें और टीबी की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठा सकें.कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों को टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर आधारित दिशानिर्देश भी प्रदान किए गए. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आशा व्यक्त की कि इस प्रशिक्षण के बाद जिले में टीबी की रोकथाम और उपचार के प्रयासों को और अधिक मजबूती मिलेगी.

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