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टीबी हारेगा, देश जीतेगा: किशनगंज में एनटीईपी के तहत सीएमई कार्यशाला का आयोजन

राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत किशनगंज में कंटिन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन कार्यशाला का आयोजन किया गया.

टीबी उन्मूलन 2025 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों और निजी चिकित्सकों की सहभागिताकिशनगंज.राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत किशनगंज में कंटिन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में टीबी नोटिफिकेशन, टीबी मुक्त भारत, टीबी मुक्त पंचायत, “टीबी हारेगा देश जीतेगा ” अभियान, निक्षय पोषण योजना और 2025 तक टीबी उन्मूलन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा हुई. कार्यशाला की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने की. जिसमें प्राइवेट डॉक्टर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं सचिव, सभी एमओआईसी और जिला स्वास्थ्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

टीबी उन्मूलन के लिए निजी और सरकारी चिकित्सकों की संयुक्त पहल

कार्यशाला के दौरान सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने कहा कि टीबी को समाप्त करने के लिए सरकारी और निजी चिकित्सा संस्थानों का सहयोग बेहद जरूरी है. जब सभी स्वास्थ्य सेवाएं एकजुट होकर कार्य करेंगी, तभी हम 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बना पाएंगे.

टीबी नोटिफिकेशन: हर मरीज की सही पहचान आवश्यक

जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि टीबी नोटिफिकेशन एक अनिवार्य प्रक्रिया है, जिससे हर मरीज को समय पर उपचार मिल सके. निजी चिकित्सकों की भूमिका इसमें अहम है. जब हर टीबी मरीज की जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचेगी, तभी हम इसके प्रसार को रोक पाएंगे.

टीबी मुक्त पंचायत: गांव से शहर तक जागरूकता अभियान

कार्यशाला में टीबी मुक्त पंचायत अभियान पर विशेष चर्चा हुई. डॉ आलम ने बताया कि किशनगंज जिले में चयनित पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत बनाने के लिए सामुदायिक स्तर पर व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर हर पंचायत में समय पर टीबी मरीजों की पहचान और उपचार हो, तो हम जिले को पूरी तरह टीबी मुक्त बना सकते हैं.

निक्षय पोषण योजना: मरीजों को पोषण सहायता

स्वास्थ्य अधिकारियों ने निक्षय पोषण योजना पर भी प्रकाश डाला, जिसमें टीबी मरीजों को सरकार द्वारा प्रतिमाह 500 रूपये की पोषण सहायता दी जाती है. कार्यशाला में निजी डॉक्टरों से अपील की गई कि वे भी इस योजना का लाभ मरीजों तक पहुंचाने में मदद करें.

सामूहिक प्रयास से होगा टीबी मुक्त भारत का सपना साकार

आईएमए अध्यक्ष और सचिव ने निजी चिकित्सकों को टीबी उन्मूलन अभियान में सक्रिय भागीदारी का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि हम सभी डॉक्टरों का दायित्व है कि हर संभावित टीबी मरीज की सही पहचान करें, उनका समय पर इलाज शुरू कराएं और सरकार की योजनाओं से जोड़ें.

समुदाय की जागरूकता से रुकेगा टीबी का प्रसार

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने कहा कि टीबी को हराने के लिए केवल चिकित्सा उपचार ही पर्याप्त नहीं, बल्कि समुदाय की भागीदारी भी बेहद जरूरी है. उन्होंने जनता से अपील की कि यदि किसी को दो सप्ताह से अधिक खांसी, वजन घटने, रात में पसीना आने या लगातार बुखार रहने जैसे लक्षण हों, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर टीबी की जांच करवाएं.

2025 तक टीबी मुक्त भारत – यह सपना जल्द होगा साकार

कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों ने टीबी उन्मूलन का संकल्प लिया और यह विश्वास व्यक्त किया कि सरकारी और निजी चिकित्सा संस्थानों के संयुक्त प्रयास से किशनगंज जिला जल्द ही टीबी मुक्त होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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