ठंड का प्रकोप बढ़ा, कंपकंपी ने बढ़ाई परेशानी
मकर संक्राति के बाद मौसम ने इस बार पलटी मारी है. मंगलवार से पड़ रही ठंड से लोगो का जीना मुहाल कर दिया है.
मकर संक्रांति के बाद ठंड की ””क्रांति””
ठाकुरगंज.ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति के बाद ठंड कम होने लगती है. इस बार उल्टा हो रहा है. मकर संक्राति के बाद मौसम ने इस बार पलटी मारी है और मंगलवार से पड़ रही ठंड से लोगो का जीना मुहाल कर दिया है. अचानक शीतलहर के प्रकोप के कारण बाजार सहित सड़कों पर आवागमन में भारी कमी देखी गई. हाड़ कंपा देने वाली ठंड से पार पाने के लिए लोगों ने तरह तरह के उपाय किए. लेकिन ठंड से निजात नहीं मिली. जगह-जगह लोग अलाव तापते नजर आए. कोहरे के कारण स्कूली बच्चों को आवागमन में भारी परेशानी हुई. बच्चे ठंड में ठिठुरते हुए घरों से स्कूल और स्कूलों से घरों में पहुंचे सर्दी के कारण बुधवार को भी बाजार देरी से खुले. दोपहर में धूप खिलने पर लोगों ने थोड़ी राहत जरूर महसूस की और घरों से बाहर निकले. नगर के गली मोहल्ले और मुख्य मार्गों पर लोगों की चहल-पहल बढ़ी. धूप गायब होने पर लोग फिर से घरों में दुबकने के लिए मजबूर हो गए और बाजारों में लोगों की आवाजाही कम हो गई. बताते चले 13 जनवरी से ही पछुआ हवा चल रही है. इसलिए इस वजह से इलाके में कनकनी में बढ़ोतरी हुई और लोगों को ठिठुरन का एहसास होगा. सूरज ढलते ही ठंड में बढ़ोतरी देखि जा रही है . ये हालात पहाड़ों पर ताजा बर्फबारी के कारण पैदा हुई बताई जा रही है , बुधवार को ठाकुरगंज में न्यूनतम तापमान 12 डिग्री रिकॉर्ड किया गया वही अधिकतम तापमान 21 डिग्री रिकॉर्ड किया गया.ठंड का प्रकोप जारी रहने से बढ़ी परेशानी, सेहत पर असर
बहादुरगंज.
मकर संक्रांति के बाद मौसम ने अपना रुख बदल दिया है. तेज हवा ने ठंड व गलन बढ़ा दी है. दिन में धूप नहीं निकलने से शाम में गलन बढ़ जा रही है. आसमान में बादलों का डेरा अभी भी लगा है. इससे तापमान में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. ठंड के कारण जहां हाइवे व प्रमुख मार्गों पर वाहनों की गति पर अंकुश रहा शाम ढलते ही ठंड बढ़ने से लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गए.सर्दी-जुकाम अस्थमा रोग के मरीज को परेशानी
डा शिव कुमार ने बताया कि ठंड बढ़ने पर मानव शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. इससे वायरल रोग जैसे कि बुखार, जुकाम,खांसी गले में तकलीफ बढ़ जाती है. अस्थमा रोगियों की श्वास नलिकाओं में बलगम के जम जाने से श्वास लेने में तकलीफ होने लगती है. ऐसे रोगियों के फेफड़े कमजोर होने से खांसने में भी परेशानी होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है