शीतलहर से जन जीवन अस्त-व्यस्तकोल्ड ने जमाई कुल्फी
घरों में ठिठकने पर विवश हुए लोग.किशनगंज.जिले में लगातार पारा गिरने से यहां वादियों जैसी ठंड का अहसास हो रहा है.घने कोहरे,सिहरन और बादलों से जनजीवन त्रस्त है.रविवार को तड़के भी कोहरे के कारण विजिबिलिटी लगभग 10 मीटर तक ही रही.हालांकि दोपहर बारह बजे के बाद से धरातल पर से कोहरा छंटते दिखा.वहीं पछिया हवा ने शीत लहर के प्रकोप को बढ़ाया.मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदला हुआ रहा.बल्कि यूं कहें कि अभी कोल्ड डे कंडिशन्स बना हुआ है.
बढ़ी ठंड से अर्थ बाजार भी ढीला
ठंडक बढ़े रहने के कारण दूरदराज से लोगों का शहर में यहां तक कि गांव के बाजार में भी आना काफी कम हो गया है.इसकी तस्दीक सवारी वाहनों से भी हो रही है.कई वाहन चालकों ने बताया कि फिलहाल सवारी कम मिलने से तेल खर्च भी निकालना मुश्किल हो गया है.दूसरी ओर व्यवसायियों ने बताया कि रेडिमेट परिधानों पर कम्पनियों द्वारा कुछ विशेष छूट का ऑफर दिया गया था.इस कारण कुछ ग्राहक खरीददारी करने पहुंचे हुए थे. लेकिन,बढ़ी ठंड की वजह से बिक्री की स्थिति बुरी बनी हुई है.सर्दी का सितम अपने चरम पर
इस सीजन में पिछले कई दिनों से न्यूनतम तापमान काफी तेजी से गोता लगा रहा है.घने कोहरे और शीतलहर की चपेट में न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे पहुंच गया.ठंड में ठिठुरी जिन्दगी,अलाव बना सहारा
कड़ाके की ठंड से लोग ठिठुर रहे हैं. सर्द हवा और हाड़ कंपा देने वाली ठंढ़ ने जीना मुश्किल कर दिया है. जिले के विभिन्न जगहों पर भरण पोषण के लिए मेहनत और मजदूरी करने वाले लोग परेशान हैं.ठंड से ठिठुरते लोग इसके बचाव के लिए चाय की भट्ठी के पास सिमटे दिखाई पड़ रहे है या फिर इधर उधर पड़ी लकड़ी, टायर व कागज को जला कर सर्दी से निजात पाने का जुगाड़ कर रहे है. मौसम के करवट बदलने के साथ दिनों दिन पारा लुढ़कते जा रहा है.बढ़ती ठंड की वजह से लोगों को घरों में दुबकना पड़ते रहना पड़ रहा है.सबसे बड़ी परेशानी दैनिक मजदूरों को झेलनी पड़ रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है