सामायिक दिवस के रूप में मनाया गया पर्युषण पर्व का तीसरा दिन. किशनगंज.जैन पर्युषण पर्व का तीसरा दिन सामयिक दिवस के रूप में मनाया गया.तेरापंथ भवन में उपासक सुशील कुमार बाफना व उपासक सुमेरमल बैद के सानिध्य में जैन अनुयायियों ने आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाग लिया.उपस्थित श्रावक समाज ने सामयिक साधना भी की.अपने प्रवचन में उपासक द्वय द्वारा सामायिक साधना के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया. उपासक ने बताया की अभिनव सामायिक गुरुदेव तुलसी द्वारा प्रदत्त आयाम है. जप योग, ध्यान योग, स्वाध्याय योग, त्रिगुप्ति साधना योग के माध्यम से एकाग्रता सध जाती है.सामायिक श्रावक का 9 वां व्रत है और पहला आवश्यक है. उन्होंने किशनगंज मर्यादा महोत्सव का उल्लेख करते हुए स्मरण करवाया कि आचार्य श्री महाश्रमण ने किशनगंज में ही श्रावक समाज को शनिवार सांय 7 से 8 के मध्य सामायिक की प्रेरणा दी थी.समता के विकास में सामायिक की महती भूमिका है. सामायिक दिवस पर एक अनुठे प्रयोग के रूप में अभिनव सामायिक का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर होंता है.अभिनव सामायिक अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् द्वारा एक ही समय किया गया था जिसमें स्थानीय तेरापंथ भवन में 161 श्रावक-श्राविकाओं ने सामायिक कर इस दिवस की महत्ता को चरितार्थ किया.उन्होंने बताया कि शुद्ध सामायिक वर्तमान जीवन को सुधारने और मोक्ष की दिशा में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करती है. उपासक द्वय ने सभी श्रावक-श्राविकाओं से रोजाना एक सामयिक साधना करने का लक्ष्य रखने का कहा.यदि किसी कारणवश यह संभव न हो तो कम से कम प्रत्येक शनिवार शाम 7 से 8 के बीच एक सामायिक का लक्ष्य रखने का निवेदन किया.उन्होंने कहा कि जप-तप कर सभी अपनी आत्मा का उत्थान करें.
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