जिले में सभी गैर संचारी रोगियों तक आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लगातार किया जा रहा निरीक्षण
ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोतियाबिंद, हृदय संबंधी रोग, अल्जाइमर, पार्किंगसन सहित अन्य कई रोग गैर संचारी रोगों की सूची में शामिल हैं.
किशनगंज. आम तौर पर शुरुआती दौर में कोई भी बीमारी बेहद सामान्य दिखती है. लेकिन बीतते समय के साथ ये गंभीर रूप लेने लगता है. किसी तरह की शारीरिक समस्या को देर तक टालने का परिणाम लोगों को देर-सबेर भुगतना ही पड़ता है. इसलिये रोग संबंधी किसी लक्षण की तत्काल पहचान कर इसका समुचित इलाज कराया जाये. आज संक्रामक बीमारियों के खतरे से पूरा विश्व परेशान है. ऐसे में आमतौर पर होने वाली गैर संचारी रोगों के प्रति भी पर्याप्त सक्रियता जरूरी है. वैसे रोग जो एक से दूसरे व्यक्ति में सीधे प्रसारित नहीं होते, उन्हें गैर संचारी रोगों की श्रेणी में रखा गया है. ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोतियाबिंद, हृदय संबंधी रोग, अल्जाइमर, पार्किंगसन सहित अन्य कई रोग गैर संचारी रोगों की सूची में शामिल हैं. इसको लेकर जागरूकता एवं बचाव के लिए गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी के द्वारा सभी स्वास्थ्य केन्द्र का लगातार अनुश्रवण किया जा रहा है. इसी क्रम में ठाकुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गैर संचारी रोगों से संबंधित क्लीनिक एवं गतिविधियों में विस्तार के लिए कार्यशाला सह बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें एमओआईसी सहित स्वास्थ्य केंद्र के सभी कर्मी उपस्थित थे.
सभी गैर संचारी रोगियों तक आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश
कार्यक्रम में जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने स्वास्थ्य संस्थानों में गैर संचारी रोगों से सुरक्षा के लिए संचालित क्लीनिक में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली. उन्होंने बताया कि गैर संचारी रोगों से सुरक्षा के लिए जिले के सभी प्रखंडों में एनसीडी क्लीनिक संचालित की जा रही है. उक्त क्लीनिक में एनसीडी के सभी मरीजों की नियमित जांच करने के साथ उन्हें आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं . जिले के कुछ प्रखंडों के प्रदर्शन को बेहतर माना गया है जबकि अन्य प्रखंडों को आवश्यक कार्य करने का निर्देश दिया गया. आवश्यक दवाइयां समय पर उपलब्ध कराते हुए गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए राज्य सरकार द्वारा चिह्नित प्रमुख अस्पतालों में भेजने का निर्देश दिया गया.कैंसर, रक्तचाप, मधुमेह, मोतियाबिंद, अल्जाइमर, हृदय रोग जैसी बीमारियां हैं प्रमुख गैर संचारी रोग
गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि आम तौर पर लोगों को होने वाली प्रमुख बीमारियों में गैर संचारी रोग प्रमुख होता है. इसमें मुख्य रूप से कैंसर, उच्च व निम्न रक्तचाप, मधुमेह, मोतियाबिंद, अल्जाइमर, हृदय रोग से सम्बंधित बीमारियां प्रमुख होती हैं . इन बीमारियों के बारे में लोगों को बहुत देर से पता चलता है. इसलिए लोगों को इससे सुरक्षित रहने के लिए नियमित रूप से एनसीडी क्लीनिक में जांच कराते हुए मेडिकल सुविधा का लाभ उठाना चाहिए. संक्रामक के साथ हीं गैर संचारी रोगों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है.नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच जरूरी – सीएस
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को विभिन्न तरह के गैर संचारी रोगों की चपेट में आने की संभावना अधिक होती है. लिहाजा इससे अधिक उम्र के लोगों को नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिये. इस संबंध में जिला समन्वयक गैर संचारी रोग नवाज शरीफ ने बताया कि जिले के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है. सदर अस्पताल में तो इसके लिये अलग से इंतजाम उपलब्ध है . इसके अलावा सभी पीएचसी व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, जहां ओपीडी सेवा उपलब्ध है, वहां भी जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है. गैर संचारी रोग पदाधिकारियों को गैर संचारी रोगों की जांच के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष मेडिकल किट उपलब्ध करायी गयी है. इसमें ब्लडप्रेशर जांच मशीन, ग्लूकोमीटर सहित अन्य जांच उपकरण शामिल हैं. जांच में रोग की पुष्टि होने पर रोगियों को संबंधित दवाएं मुफ्त में उपलब्ध करायी जाती हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है