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युवाओं में बढ़ा क्रिप्टो करेंसी के कारोबार

कम लागत समय और बिना मेहनत के ही ज्यादा कमाने के चक्कर में युवा वर्ग बिट कॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी के अवैध कारोबार की तरफ तेजी से बढ़ रहे है.

ठाकुरगंज (किशनगंज).कम लागत समय और बिना मेहनत के ही ज्यादा कमाने के चक्कर में युवा वर्ग बिट कॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी के अवैध कारोबार की तरफ तेजी से बढ़ रहे है. वहीं सरकार रिजर्व बैंक की खास चेतावनी के बावजूद इस डिजिटल करेंसी की कीमत में बेतहाशा वृद्धि होने से जिले के शहरी क्षेत्र के अलावा गांव में लाखों रुपए का निवेश लोग कर रहे हैं.

खास बात यह है कि रिजर्व बैंक ने बिट कॉइन सहित किसी अन्य वर्चुअल करेंसी की ट्रेडिंग का लाइसेंस नहीं दिया है, फिर भी हमारे देश में जेब पे, कॉइन सेक्योर यूनो कॉइन जैसे एक्सचेंज खुले में ट्रेडिंग कर रहे हैं. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया का नारा भले ही अभी पूरी तरह मूर्तरूप नहीं ले पाया हो, मगर डिजिटल करेंसी बिट कॉइन का चलन यहां शहरों के साथ गांवों तक पहुंच चुका है. मजेदार बात यह है कि सरकार की ओर से समय-समय पर आमजन को खूब सजग किया जा रहा है,मगर निवेशकों की तादाद तेजी से बढ़ रही है.

प्राइवेट एक्सचेंज ही करते हैं ट्रेडिंग

डिजिटलकरेंसी बिट कॉइन की ट्रेडिंग सिर्फ प्राइवेट एक्सचेंज ही करते हैं. दुनिया के किसी भी मान्यता प्राप्त एक्सचेंज या सेंट्रल बैंकों ने इसे स्वीकार नहीं किया है. फिर भी इसकी वैल्यू तेजी बढ़ रही है. बिट कॉइन का चलन 2009 में हुआ था, तब इसकी कीमत एक डॉलर भी नहीं थी,मगर अभी इसकी रेट 60 हजार डॉलर तक बढ़ गई. जानकारों के अनुसार अमेरिकी रेग्यूलेटर की मंजूरी के बाद इसकी वेल्युएशन तेजी से बढ़ी है. हालांकि भारत ने इसे ना वैध और ना ही अवैध करार दिया है, इससे निवेशक भी असमंजस में हैं. समर्थक बढ़ते निवेश के अनुरूप बिट कॉइन की कीमत में और बढ़ोतरी होना मान रहे हैं, जबकि कई जगह सामान या सेवा खरीदने-बेचने में भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. वही इस धंधे के विरोधी इसे भविष्य का सबसे बड़ा घोटाला बताते है.

वर्चुअल करेंसी की ट्रेडिंग का लाइसेंस नहीं

बताते चले रिजर्वबैंक ने एक एडवाईजरी में कहा था कि किसी को भी बिट कॉइन या किसी अन्य वर्चुअल करेंसी की ट्रेडिंग का लाइसेंस नहीं दिया है. भारतीय रिजर्व बैंक और अमेरिका के फेडरल रिजर्व समेत कई केंद्रीय बैंकों ने इसे लेकर चेतावनी भी जारी की है. किसी भी देश के सेंट्रल बैंक से मान्यता नहीं होने के कारण इसका कोई लीगल एक्सचेंज रेट नहीं है.

बिट कॉइन में ऐसे करते हैं निवेश

बिटकॉइन में निवेश का कारोबार सिर्फ ऑनलाइन सिस्टम आधारित चलता है. इलाके के कई निवेशकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बिट कॉइन में एक व्यक्ति को बीटीसी एडीएस प्रो के निर्धारित 300 डॉलर, यानी 24 हजार रुपए बतौर निवेश खर्च करने होते हैं. इस पर निवेशक को यूजर आईडी पॉसवर्ड मिलता है और ज्वॉइनिंग अवधि से सालभर की समय-सीमा तक शनिवार रविवार को छोड़कर प्रतिदिन 2.70 $ बीटीसी डॉलर मिलते हैं और चेन सिस्टम के तहत लेफ्ट राइट में दो निवेशकों के जुड़ने पर यह राशि दोगुना 5.40 $ मिलती है. जो करीब 80 रुपए प्रति डॉलर के हिसाब से 432 रुपए के बराबर होती है. यह राशि एक्सचेंजर जेब पे के मार्फत घटती-बढ़ती भी रहती है और इसी के माध्यम से बैंक खाते में हस्तांतरित भी हो जाती है. यह बिजनेस पूरी तरह स्मार्ट फोन कंप्यूटर के जरिये इंटरनेट सेवा पर आधारित संचालित होता है. इस पर कई परिवारों के लोग अलग-अलग सदस्यों के नाम पर एकाउंट निवेश कर रोजाना हजारों रुपए की आमदनी प्राप्त कर रहे हैं. इसी लालच में शहरी ग्रामीण क्षेत्र के निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है. इसमें निवेश की कतई सिक्योरिटी भी नहीं है, फिर भी लोग धन कमाने के चक्कर में निवेश कर रहे हैं.

रिजर्व बैंक से बिट कॉइन के बारे में कोई निर्देश जारी नहीं

बिटकॉइन को जहा भारत सरकार से मान्य नहीं है, ना ही रिजर्व बैंक ने इसको लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसलिए निवेशकों को सोच समझकर ही निर्णय लेना चाहिए. जानकार बताते है की यह ऑनलाइन विदेशी सिस्टम पर चलता है. इसमें पैसा डूबने की पूरी आशंका है. वर्ल्ड में एकाध को छोड़कर किसी भी देश ने इसे मान्यता नहीं दी है. भारत सरकार ने इसे मान्यता नहीं दी है. इसलिए युवा अपनी रिस्क पर ही निवेश करे.

क्या है बिट कॉइन

बिटकॉइन एक तरह का एनक्रिप्टेड सॉफ्टवेयर कोड है. ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी आधारित यह सिस्टम ऑनलाइन लेजर पर रियल टाइम अपडेट भी होता रहता है. इससे जुडे लोग मानते हैं कि सातोषी नाकामोती नाम के व्यक्ति ने 2008 में पहला ब्लॉक चेन बनाया था और वर्ष 2009 में बिट कॉइन को बनाया गया. हालांकि इनमार्केटकैप डॉट कॉम के अनुसार बिट कॉइन जैसी 1,334 डिजिटल या क्रिप्टो करेंसी चलन में हैं, लेकिन सबसे ज्यादा डिमांड बिट कॉइन की ही है. इस करेंसी का मार्केट कैप 12 लाख करोड रुपए है, यानी 55 प्रतिशत अकेला बिट कॉइन है.

भारत में क्रिप्टो वैध या अवैधभारत में भुगतान माध्यम के रूप में क्रिप्टो करेंसी को किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण के द्वारा विनियमित नहीं किया जाता है. क्रिप्टो करेंसी से निपटने के दौरान विवादों को निपटाने के लिए कोई नियम और कानून या कोई दिशा-निर्देश निर्धारित नहीं हैं. इसलिए, क्रिप्टोकरंसी में ट्रेडिंग निवेशकों के जोखिम पर की जाती है.यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि क्रिप्टो करेंसी अवैध है, लेकिन भारत में इस पर कोई निश्चित प्रतिबंध नहीं है. क्रिप्टो भारत में अनियमित हैं, लेकिन केंद्रीय बजट 2022 के अनुसार, भारत सरकार ने क्रिप्टो करेंसी से लाभ पर 30 प्रतिशत टैक्स और स्रोत पर 1 प्रतिशत टैक्स कटौती की घोषणा की थी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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