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सामरिक दृष्टिकोण से अहम कद्दूभिट्ठा-डेरामारी सड़क के चौड़ीकरण की मांग

भारत- नेपाल के मध्य बेटी रोटी के संबंधों और सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण कद्दूभिट्ठा जियापोखर वाया पौआखाली से डेरामारी तक सड़क का सुलभ आवागमन के लिहाज से चौड़ीकरण किया जाना अब बहुत ही जरूरी हो चला है.

पौआखाली. भारत- नेपाल के मध्य बेटी रोटी के संबंधों और सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण कद्दूभिट्ठा जियापोखर वाया पौआखाली से डेरामारी तक सड़क का सुलभ आवागमन के लिहाज से चौड़ीकरण किया जाना अब बहुत ही जरूरी हो चला है. बहादुरगंज धनपुरा होते हुए किशनगंज और ठाकुरगंज तैयबपुर बेलवा होते हुए किशनगंज को जोड़ने वाली दो सड़कों के जैसा ही भारत नेपाल सीमा में कद्दूभिट्ठा से पौआखाली डेरामारी होते हुए किशनगंज मुख्यालय को जोड़ने वाली यह तीसरी मुख्य और सबसे लंबी सड़क है जो दशकों से चौड़ीकरण की बाट जोह रही है. हालांकि पूर्व विधायक नौशाद आलम से लेकर वर्तमान विधायक सऊद आलम, बहादुरगंज के विधायक अंजार नईमी तक इसके लिए प्रयास कर चुके हैं वर्तमान समय में जदयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम और पूर्व विधायक सह पूर्व मंत्री नौशाद आलम पुनः इसके चौड़ीकरण हेतु प्रयासरत नजर आ रहे हैं.

दो देशों को आपस में जोड़ती है यह सड़क

यह सड़क एक तरफ जिला मुख्यालय तो दूसरी तरफ जियापोखर थानाक्षेत्र के बांद्रझुला पंचायत अंतर्गत कद्दूभिट्ठा से सटे अंतर्राष्ट्रीय सीमा को जोड़ती है. सीमापार नेपाल का पथरिया, घेराबाड़ी, राजगढ़, भागोडूबा, फुलबरिया, चकचकी, सुरंगा आदि जगह पहुंचने का यह भारतीय क्षेत्र की महत्वपूर्ण सड़क मार्ग है. चूंकि दोनों देशों के बीच बेटी और रोटी का परस्पर संबंध भी है जिस कारण दोनों देशों के लोगों का आवागमन एक दूसरे तरह लगा रहता है.

भारी वाहनों के परिचालन और अतिक्रमण है बड़ी समस्या

इस सड़क पर रोजाना ही भारी वाहन ट्रक हाइवा ट्रैक्टर कार के अलावे साइकिल मोटर साइकिल का परिचालन होता है जिस वजह से यातायात में कई तरह की समस्याएं खड़ी हो जाया करती है. सड़क किनारे हाट बाजार और आवासीय घर मकानों के कारण सुलभ और सुरक्षित यातायात में बाधाएं उत्पन्न होने लगती है. दो ट्रकों के क्रासिंग से जाम आदि की समस्या खड़ी हो जाती है. डुमरिया हाट, पौआखाली नगर बाजार, लेलिहा सहित आधे दर्जन जगहों में जाम की भारी समस्या से जूझने को जनता विवश है.

दर्जनों सड़क हादसों की गवाह है यह सड़क

सड़क की चौड़ाई कम रहने से वाहनों के परिचालन के दौरान तेज रफ्तार की चपेट में आने से अबतक कई राहगीरों और वाहन चालकों को जान तक गंवानी पड़ गई है तो कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हो चुके हैं. नौसिखिए यानी टीन एजर्स बाइक चालकों की गति पर नियंत्रण नहीं रहने से इस व्यस्ततम सड़क मार्ग पर फर्राटा भरने के दौरान ये खुद ही अक्सर हादसे के शिकार हो जाते हैं या फिर दूसरे राहगीर इनके शिकार हो जाते हैं.

सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है सड़क

किशनगंज जिला मुख्यालय और राष्ट्रीय राजमार्ग 327 ई से भारत नेपाल सीमा तक को जोड़ती यह सड़क सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. नेपाल सीमा से सटे भारतीय सीमा क्षेत्र में सशस्त्र सीमा बल यानी एसएसबी की कद्दूभिट्ठा, राजागांव, गिल्हाबाड़ी आदि जगहों में तैनाती है जिनका जिला मुख्यालय या फिर बटालियन मुख्यालय ठाकुरगंज के लिए आवागमन भी इसी कद्दूभिट्ठा जियापोखर वाया पौआखाली डेरामरी मार्ग होकर ही होता है. इसलिए इसके चौड़ीकरण की मांग को अविलंब स्वीकृति मिलनी चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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