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डेरामारी वाया पौआखाली कद्दूभिट्ठा पीडब्ल्यूडी सड़क के चौड़ीकरण की मांग हुई तेज

पीडब्ल्यूडी विभाग की महत्वपूर्ण सड़क के चौड़ीकरण की मांग अब जोर पकड़ने लगी है.

फोटो 2 मो सलाहुद्दीन फोटो 3 साबिर आलम फोटो 4 मुखिया इकरामुल हक फोटो 5 राहिल अख्तर प्रतिनिधि, पौआखाली किशनगंज जिला मुख्यालय से भारत – नेपाल सीमाक्षेत्र को सीधे जोड़ने वाली डेरामारी वाया पौआखाली होते हुए जियापोखर कद्दूभिट्ठा तक जाने वाली पीडब्ल्यूडी विभाग की महत्वपूर्ण सड़क के चौड़ीकरण की मांग अब जोर पकड़ने लगी है. दिन प्रतिदिन इस सड़क पर ट्रैफिक बढ़ता जा रहा है. सड़क के किनारे दर्जनों जगहों में जहां कहीं भी हाट बाजार मौजूद है वहां अतिक्रमण के कारण सुगम यातायात में समस्या होने लगी है. ऐसी स्थिति में सड़क के चौड़ीकरण की मांग जोर पकड़ने लगी है. हालांकि पूर्व विधायक नौशाद आलम ने अपने कार्यकाल के दौरान सड़क के चौड़ीकरण को लेकर प्रयास किया था. इसके बाद स्थिति जस की तस है. इसपर आम जनता से लेकर जनप्रतिनिधियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित ठाकुरगंज प्रखंड के बंदरझूला ग्राम पंचायत निवासी और पेशे से शिक्षक मो सलाहुद्दीन का कहना है कि चूंकि यह सड़क सीधे बॉर्डर एरिया को जिला मुख्यालय से जोड़ती है. भारतीय सीमा क्षेत्र का अंतिम भाग यानी कद्दूभिट्ठा बाजार से वाया जियापोखर चौक पौआखाली होते हुए डेरामारी तक सड़क की कुल लंबाई लगभग 31 किलोमीटर है जो लाखों आबादी को जिला मुख्यालय से सीधे जोड़ती है, रोजाना ही इस सड़क पर भारी यातायात होता है, इसलिए उन्होंने सड़क के चौड़ीकरण की मांग की है. वहीं ग्राम पंचायत के मुखिया सह राजद प्रखंड अध्यक्ष इकरामुल हक के अनुसार यह सड़क दो देशों भारत और नेपाल के बीच परस्पर संबंधों को बनाए रखने के लिए यातायात का मुख्य साधन है. लाखों की आबादी के परिचालन का इसपर बोझ है. यह सड़क आम नागरिकों से लेकर सीमा पर तैनात सीमा सशस्त्र बल यानी एसएसबी के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है जिस होकर तमाम लोग जिला मुख्यालय के लिए रोजाना सफर करते हैं. सड़क की चौड़ाई कम होने की वजह से आवाजाही में परेशानी होती है. सड़क के किनारे किनारे जगह- जगह पर अतिक्रमण की समस्या भी है जो जाम जैसी समस्या और हादसों को आमंत्रण देता है, इसलिए चौड़ीकरण जरूरी है. पूर्व मुखिया साबिर आलम कहते हैं कि यह सड़क इलाके के नागरिकों के लिए एक लाइफ लाइन की तरह है. दर्जनों सीमावर्ती गांव के हजारों ग्रामीण इसी सड़क मार्ग होकर पौआखाली डाकबंग्ला चौक में एनएच 327 ई के संपर्क में आते हैं जहां से वाया पौआखाली डेरामारी होते हुए किशनगंज जिला मुख्यालय जिसकी दूरी 42 किलोमीटर है का सफर तय करते हैं. इसके अलावे एनएच 327 ई के जरिए ठाकुरगंज होते हुए गलगलिया, सिलीगुड़ी और बहादुरगंज होते हुए अररिया पूर्णियां का भी सफर तय करते हैं, इसलिए डेरामारी वाया पौआखाली जियापोखर कद्दूभिट्ठा सड़क का चौड़ीकरण अत्यंत आवश्यक है. वहीं एआईएमआईएम के जिला सचिव राहिल अख्तर ने कहा है कि डेरामारी से लेकर पौआखाली और जियापोखर से लेकर सीमा के अंतिम छोर पर बसा कद्दूभिट्ठा बाजार तक गुजरने वाली पीडब्ल्यूडी सड़क में वाहनों के परिचालन का भारी दवाब है. सड़क की काली पट्टी होकर दो वाहनों के क्रॉसिंग में समस्या उत्पन्न होती है. बरसात की वजह से किनारे की मिट्टी दलदल होने से वाहनों के पहिए धंस जाते हैं जिस कारण जाम आदि की भी समस्या उत्पन्न होती है. सड़क की चौड़ाई कम रहने से पूर्व में कई वाहन चालक सड़क हादसों के भी शिकार हुए हैं.

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