जागरूकता कार्यक्रम के बावजूद मतदान प्रतिशत रहा कम

जागरूकता कार्यक्रम के बावजूद मतदान प्रतिशत रहा कम

By Prabhat Khabar News Desk | April 28, 2024 11:25 PM

ठाकुरगंज. चुनाव आयोग की मुहिम और राजनीतिक दलों की ओर से की गई अपील के बावजूद किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में मतदाताओं ने अधिक उत्साह नहीं दिखाया. पिछली बार की तुलना में इस बार मतदान प्रतिशत गिरने के निहितार्थ तलाशे जाने लगे हैं. अलग-अलग दलों के प्रत्याशी इसे अपने पक्ष में बताने के तर्क खोज रहे हैं, लेकिन आंकड़ों के विश्लेषण से कम मतदान के कारण नतीजों का कोई पैटर्न नहीं दिखता है. 2019 में हुए चुनाव में किशनगंज लोकसभा सीट पर 66.38 फीसदी वोट पड़े थे, जबकि इस बार यह आंकड़ा घट कर 63 .55 प्रतिशत रह गया है. हालांकि इलाके के जानकार इस मामले में अलग-अलग कारण बता रहे है . कुछ इलाके से बड़ी संख्या में कामकाज के सिलसिले में पलायन को विवश स्थानीय की गैरमौजूदगी को कारण मानते हैं तो एक बड़ा कारण मतदाता सूची से बड़ी संख्या में लोगों का नाम कट जाना भी कारण हो सकता है. केवल ठाकुरगंज नगर की बात करें तो लगभग 200 से ज्यादा मतदाता मतदान केंद्रों से मतदाता वापस केवल इस कारण लौटे कि उनका नाम मतदाता सूची से विलोपित था. यह हालात लगभग हर बूथों पर रही.

क्या कहते हैं पूर्व के चुनाव के आंकड़े

बात यदि पूर्व के चुनाव की करे तो 1957 से 1980 तक के लोकसभा चुनाव में मतदान का आंकड़ा 50 फीसदी से ऊपर नहीं गया. 1984 के चुनाव से 1999 के बीच हुए 7 चुनावों में आंकड़ा 50 से 59 फीसदी के बीच रहा. स दौरान सबसे उच्चतम मतदान 1989 में 58.55 फीसदी रहा था. सबसे न्यूनतम 1996 में केवल 51 . 39 फीसदी रहा. हालांकि 2004 के चुनाव में आंकड़ा बढ़कर 60 . 94 हो गया तो 2009 में पुनः घटकर 52.84 रह गया. 2014 में अचानक आई बढ़ोतरी के बाद चुनावी प्रतिशत 64.52 पहुंच गया. वही 2019 में यह आंकड़ा और बढ़ा और आंकड़ा 66.38 तक पहुंच गया था लेकिन 2024 के चुनाव में आंकड़ा में फिर कमी देखी गई है.

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