जिले में चहुंओर किये जा रहे विकास के कार्य : सीएम
समीक्षा बैठक में सीएम ने डीएम से ली विकास कार्यों की जानकारी
किशनगंज. प्रगति यात्रा के तीसरे चरण में किशनगंज पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिला परिषद सभागार में समीक्षा बैठक की. इसमें डीएम विशाल राज ने जिले में जारी विकास कार्यों की जानकारी सीएम को दी. समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी का मैं इस बैठक में अभिनंदन व स्वागत करता हूं. डीएम ने जिले में चल रहे विकास कार्यों की संक्षेप में जानकारी दी है. उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी-अपनी बातें रखी हैं. 24 नवंबर 2005 से ही हमलोगों ने बिहार के विकास के लिए काम करना शुरू किया, तब से निरंतर हमलोग बिहार को आगे बढ़ाने में लगे हैं. वर्ष 2005 से पहले बिहार का हाल बुरा था. शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे. अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं. शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी. प्रायः विवाद होने की खबरें आती थीं. जब से हमलोगों को काम करने का मौका मिला, तब से बिहार की स्थिति बदली है. हर क्षेत्र में विकास के काम किये जा रहे हैं. हमलोग किसी के साथ भेदभाव नहीं करते हैं, जिनको जिन्हें वोट देना है दें. वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुरू करायी. अब तक 8 हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गयी है. बचे कब्रिस्तानों की घेराबंदी करायी जा रही है. अब कहीं कोई हिन्दू-मुस्लिम के बीच विवाद नहीं है. हमलोगों ने देखा कि मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं. इसे देखते हुए पुराने मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का निर्णय लिया गया है, ताकि मंदिरों में चोरी की घटनाएं न हों. बिहार में अब शांति एवं सौहार्द का वातावरण कायम है. कहीं भी किसी प्रकार का डर या भय का माहौल नहीं है. आज हमने कई जगहों पर जाकर विकास कार्यों को देखा है तथा लोगों से बातचीत भी की है. पूरे बिहार में निरंतर विकास के काम बड़े पैमाने पर किये जा रहे हैं. बिहार का कोई भी इलाका विकास से वंचित नहीं है. हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है. इसके कारण बिहार के सुदूरवर्ती इलाकों से 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते हैं, अब उसे घटाकर पांच घंटे किया गया है. इसके लिए हर प्रकार से काम किया जा रहा है.
पहले कक्षा नौ की छात्राओं को दी साइकिल, छात्रों ने की मांग तो उन्हें भी दी
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गयी. इसके बाद 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए वर्ष 2009 से हमलोगों ने साइकिल योजना शुरू की, लेकिन जब लड़कों ने मांग शुरू की तो वर्ष 2010 से उनके लिए भी साइकिल योजना शुरू की गयी. मदरसा शिक्षकों को सरकारी मान्यता प्रदान की गयी है और वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के अनुरूप वेतन दिया जा रहा है, इसे याद रखियेगा. हमलोग सभी जाति-धर्म के लोगों के लिए काम करते हैं, चाहे पुरुष हो या महिला.
पहले बिहार में थे केवल छह सरकारी मेडिकल कॉलेज, अब हो गये हैं 12
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीज इलाज कराने आते थे. हम लोगों ने मुफ्त दवा व इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी. इसके कारण अब एक माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं. पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल थे. अब उनकी संख्या बढ़कर 12 हो गयी है. सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं. पीएमसीएच को 5400 बेड का वर्ल्ड क्लास अस्पताल बनाया जा रहा है. आइजीआइएमएस का भी विस्तार किया जा रहा है, यहां पर 3000 बेड की सुविधा होगी. हमलोगों ने वर्ष 2015 से सात निश्चय योजना के माध्यम से हर घर नल का जल, हर घर पक्की गली एवं नाली का निर्माण, हर घर शौचालय, हर घर तक बिजली का कनेक्शन जैसी योजनाएं लागू कर मूलभूत सुविधाएं लोगों तक पहुंचा दी है.
बिहार में एसएचजी से जुड़ी हैं 1 करोड़ 35 लाख जीविका दीदियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से पंचायती राज संस्थाओं तथा वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, इसके तहत अब तक चार चुनाव हो चुके हैं. बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आयी हैं. हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिए हर प्रकार से काम किया है. पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी. वर्ष 2005 में जब हमलोगों की सरकार बिहार में बनी तो वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया. बिहार में अब स्वयं सहायता समूहों की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गयी है. इनसे 1 करोड़ 35 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं. स्वयं सहायता समूह का जीविका नाम तथा इससे जुड़ी महिलाओं का नाम जीविका दीदी हमलोगों ने ही दिया है. बिहार की जीविका से प्रेरित होकर तत्कालीन केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और इसका नाम आजीविका दिया. बिहार में अब शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू कराया गया है. शहरी क्षेत्र में अब तक 26 हजार स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है, इनसे तीन लाख जीविका दीदियां जुड़ चुकी हैं. किशनगंज में अब तक 19,217 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है. इनसे 2 लाख 43 हजार जीविका दीदियां जुड़ी हैं. यहां तीन दीदी की रसोई भी संचालित है.
सभी वर्गों के उत्थान के लिए हो रहा काम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सात निश्चय-2 योजना के तहत हमलोगों ने 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बढ़ाकर 12 लाख किया गया है. अब तक 9 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गयी है. इसके अलावा 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है. वर्ष 2025 तक 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख रोजगार मुहैया करा दिया जाएगा. सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया जा रहा है. सभी पार्टियों के साथ बैठक कर बिहार में जाति आधारित गणना करायी, जिसमें 94 लाख गरीब परिवारों को चिह्नित किया गया है, जो हर जाति से जुड़े हैं. ऐसे गरीब परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि किशनगंज जिले में विकास के अनेक कार्य कराये गये हैं. यहां इंजीनियरिंग कॉलेज, पारा मेडिकल संस्थान और छात्रावासों का निर्माण कराया गया है. साथ ही राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान, महिला आइटीआइ, सभी अनुमंडलों में आइटीआइ, छात्रावास, जीएनएम संस्थान, आवासीय विद्यालय, अनेक पथों एवं पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया है. यहां पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम कृषि महाविद्यालय की स्थापना की गयी है, जो 375 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. यहां अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की शाखा स्थापित करायी गयी है. जून 2025 तक पूरे बिहार में पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य पूरा करा दिया जाएगा. किशनगंज में 2 विद्युत ग्रिड सब स्टेशन, 22 पावर सब स्टेशन तथा 24 डेडीकेटेड कृषि फीडर का निर्माण कराया गया है. इससे कृषि कार्य के लिए 8,927 किसानों को बिजली का कनेक्शन दिया गया है. इसके अलावा यहां जो भी कमियां हैं, उसे दूर किया जायेगा.समीक्षा बैठक में डीएम ने मुख्यमंत्री को पौधा व प्रतीक चिह्न किया भेंट
समीक्षा बैठक में डीएम ने मुख्यमंत्री को पौधा व प्रतीक चिह्न भेंट किया. समीक्षा बैठक में जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सह किशनगंज जिले के प्रभारी मंत्री जमा खान, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री नीरज कुमार सिंह, विधायक मो इजहार असफी, विधायक मो इजहारुल हुसैन, विधायक मो अनजार नईमी, जिला परिषद अध्यक्षा रुकईया बेगम, विधान पार्षद ललन सर्राफ, जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष सुशांत गोप, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव व प्रधान सचिव, पूर्णिया प्रमंडल के आयुक्त राजेश कुमार, पूर्णिया प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक प्रमोद कुमार मंडल, किशनगंज के जिलाधिकारी विशाल राज, पुलिस अधीक्षक सागर कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं वरीय अधिकारी उपस्थित थे. वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, पुलिस महानिदेशक विनय कुमार समीक्षा बैठक से जुड़े थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है