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लगातार हो रही पशुओं की मौत, ध्यान फाउंडेशन खाली करें गौशाला की जमीन

ध्यान फाउंडेशन के द्वारा संचालित गोशाला में पशुओं की मौत और फैलाने वाली दुर्गंध का मामला मंगलवार को तूल पकड़ने लगा.

-लीज समाप्ति के बाद ध्यान फाउंडेशन नहीं कर रहा जमीन खाली – जैन

किशगनंज. ध्यान फाउंडेशन के द्वारा संचालित गोशाला में पशुओं की मौत और फैलाने वाली दुर्गंध का मामला मंगलवार को तूल पकड़ने लगा. मामले को लेकर सुबह नगर परिषद अध्यक्ष इंद्रदेव पासवान, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अधिवक्ता शिशिर दास, गौशाला समिति के सचिव सह पूर्व नप अध्यक्ष त्रिलोक चंद जैन, भाजपा जिलाध्यक्ष सुशांत गोप, वार्ड पार्षद प्रदीप ठाकुर, पार्षद प्रतिनिधि अशोक पासवान, पार्षद प्रतिनिधि फिरोज अख्तर, पार्षद प्रतिनिधि संजय पासवान, पार्षद प्रतिनिधि अनिल मंडल, बजरंग दल जिला संयोजक सुनील तिवारी, पार्षद अमित त्रिपाठी, भाजपा नेता हरीराम अग्रवाल, पार्षद प्रतिनिधि विशाल कुमार डब्बा सहित शहर के प्रबुद्ध लोग गौशाला परिसर पहुंचे. उन्होंने वहां संचालित गौशाला परिसर का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्हें वहां की नारकीय स्थिति और मरे हुए पशुओं को पाया. वहीं उन्होंने जब गौशाला प्रबंधन के स्टाफ से बात की तो उन्होंने कुछ भी जानकारी देने से मना कर दिया.

क्या कहते है अधिवक्ता संघ अध्यक्ष

अधिवक्ता शिशिर कुमार दास ने कहा कि दो एकड़ जमीन भूतनाथ गौशाला कमेटी के द्वारा लीज पर ध्यान फाउंडेशन को दिया गया था जिसकी अवधि समाप्त हो चुकी है लेकिन इन लोगों ने जबरन कब्जा कर रखा है. उन्होंने कहा कि मरे हुए पशुओं से काफी दुर्गंध आ रही हैं. शिव मंदिर में आने वाले लोगों को काफी दिक्कत होती हैं. उन्होंने व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि हालात काफी बदतर हैं. प्रशासन को इसपर संज्ञान लेना चाहिए. क्या कहते नप अध्यक्ष नप अध्यक्ष इंद्रदेव पासवान ने कहा कि एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी. ध्यान फाउंडेशन द्वारा संचालित गौशाला की हालात बदहाल है. नारकीय स्थिति में पशुओं को रखा जाता हैं और लगातार पशुओं की मौत हो रही हैं. अगर मरे हुए मवेशी इसी तरह खुले में पड़े रहे रहे तो महामारी फैल सकती हैं. उन्होंने कहा कि नप द्वारा फाउंडेशन द्वारा संचालित गौशाला प्रबंधन को नोटिस भेजा जा रहा हैं. गौशाला यहां नहीं चल सकता. इसे कही और शिफ्ट किया जाना चाहिए.

क्या कहते है भूतनाथ गौशाला कमिटी सचिव भूतनाथ गौशाला कमिटी के सचिव त्रिलोक चंद जैन ने कहा कि ध्यान फाउंडेशन द्वारा संचालित गौशाला के लिए जमीन लीज पर दी गयी थी. कमिटी ने पाया कि यहां जिस उद्देश्य के लिए जमीन दी गयी थी उसके लिए भूमि का उपयोग नहीं कर अवैध कार्य में इसका उपयोग किया जा रहा है. यहां की बदहाल स्थिति और पशुओं की लगातार होती मौत को देखते हुए कमिटी ने प्रस्ताव लेते हुए लीज रद्द कर दिया है. भूमि खाली करने के लिए तीन बार अब तक नोटिस भेजी जा चुका हैं लेकिन ये लोग भूमि खाली नहीं कर रहे. अब मरे हुए पशुओं से मंदिर आने वाले भक्त तथा स्थानीय लोग दुर्गंध से काफी परेशान हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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