अब तक विद्यालयों में आपदा प्रबंधन समिति का नहीं हुआ गठन, सुरक्षित शनिवार का डेटा ई-शिक्षा कोष पर अपलोड नहीं
सूबे के हर स्कूल को सुरक्षित शनिवार का आयोजन करना है. लेकिन अब भी अधिकतर स्कूल लापरवाही बरत रहे हैं.
ठाकुरगंज. सूबे के हर स्कूल को सुरक्षित शनिवार का आयोजन करना है. लेकिन अब भी अधिकतर स्कूल लापरवाही बरत रहे हैं. इन स्कूलों में ना तो अब तक आपदा प्रबंधन समिति का गठन किया गया है और न ही सुरक्षित शनिवार का डेटा ई-शिक्षा कोष पर अपलोड किया जाता है.
फोटो के साथ वीडियो भी करना है अपलोड
बताते चले एससीईआरटी के माध्यम से राज्य के हर स्कूल के एक शिक्षक को सुरक्षित शनिवार का प्रशिक्षण दिया गया है ताकि स्कूल में इसे नियमित रूप से कार्यान्वित किया जा सके. हर शनिवार को मौसमी आपदा के साथ अन्य आपदा की जानकारी संग बच्चों को प्रैक्टिकल करवाना है. इसके लिए राज्य भर के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. इसके अलावा सभी स्कूलों में बाल प्रेरक का गठन करना है.97 तरह की है गतिविधियां
बताते चले सुरक्षित शनिवार को लेकर एससीईआरटी ने कैंलेंडर तैयार किया है. इस कैंलेंडर को महीने के अनुसार बनाया गया है. इसके तहत साल भर में 97 तरह की आपदा संबिधित गतिविधियां करवाई जाती है ताकि छात्रों में आपदा संबंधित जागरूकता आए और छात्र के माध्यम से उनके परिवार को भी आपदा से बचाया जा सके.शनिवार अलग को थीम पर होगी गतिविधियां
योजना के तहत बैगलेस सुरक्षित शनिवार के तहत हर शनिवार को बच्चों को किताबों से भरे स्कूल बैग का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा. बच्चे उस दिन पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों में में हिस्सा लेंगे. शनिवार के दिन आपदाओं से बचने के उपाय के साथ रोचक गतिविधियों का दिन होगा. ये दिन जिज्ञासा, सृजन, नवाचार, तर्क, चिंतन, कला एवं सौंदर्य, खेल-कूद, सांस्कृतिक विरासत एवं धरोहर, योग आदि को समर्पित रहेगा. प्राइमरी स्कूलों में बच्चे बस्ते के बोझ से परे जब शनिवार को स्कूल आएंगे तो अपने साथ रंग, कोरा कागज, खिलौने और बाल पत्रिका ला सकेंगे. इस दिन को उन्हें सर्जक, उद्यमी तथा रचनाकार बनाने की पहल की जाएगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है