दहेज हत्या के अभियुक्त को एडीजे तृतीय ने सुनायी साढ़े चार वर्षों के कारावास व अर्थदंड की सजा
दहेज के लिए प्रताड़ित कर हत्या किये जाने के एक मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय मनीष कुमार की अदालत नेसाढ़े चार वर्षों के कारावास व अर्थदंड की सजा सुनायी.
किशनगंज. दहेज के लिए प्रताड़ित कर हत्या किये जाने के एक मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय मनीष कुमार की अदालत ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाया. इस मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीष कुमार की अदालत ने सत्र वाद संख्या 66/20 पोठिया थाना कांड संख्या 77/20 में पोठिया शेखपुरा निवासी आरोपित अब्दुस सलाम को साढ़े चार वर्षों के सश्रम कारावास व 5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. अदालत में अपर लोक अभियोजक प्रणव साहा ने सजा के बिंदु पर जोरदार दलीलें पेश की. मामले की मिली जानकारी के अनुसार इशरत जहां का विवाह अब्दुस सलाम से हुआ था. इशरत जहां के ससुराल वाले बेटी इशरत जहां को दान दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे. घटना के दिन 19 अप्रैल 2020 को मृतका के मायके वाले जब बेटी के ससुराल पहुंचे तब बेटी इशरत जहां का शव ससुराल में फांसी पर लटका मिला था. इसके बाद पोठिया थाने में आरोपित पति व अन्य के विरुद्ध दहेज के लिए प्रताड़ित करने का मामला दर्ज करवाया गया था. मामला न्यायालय में चल रहा था. अपर लोक अभियोजक प्रणव साहा ने बताया कि प्रस्तुत साक्ष्य व चिकित्सक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय के द्वारा दोषी करार दिया गया है. अभिुयक्त के द्वारा अब तक कारावास में साढ़े चार वर्षों की अवधि बितायी जा चुकी है.
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