डा जावेद को विरासत में मिली है राजनीति
किशनगंज संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार सांसद निर्वाचित डा मो जावेद आज़ाद को राजनीति विरासत में मिली है.उनके पिता स्वर्गीय मो हुसैन आज़ाद ने जिले की राजनीति में एक लंबी पारी खेली और कई बार विधायक एवं प्रदेश सरकार में मंत्री रहे
किशनगंज. किशनगंज संसदीय क्षेत्र से लगातार दूसरी बार सांसद निर्वाचित डा मो जावेद आज़ाद को राजनीति विरासत में मिली है.उनके पिता स्वर्गीय मो हुसैन आज़ाद ने जिले की राजनीति में एक लंबी पारी खेली और कई बार विधायक एवं प्रदेश सरकार में मंत्री रहे वहीं चिकित्सक की डिग्री प्राप्त करने के वावजूद डा. जावेद को डॉक्टरी का पेशा रास नहीं आया . उन्होंने पिता की विरासत को संभाल राजनीति में कदम रखा और एक के बाद एक सफलता हाथ लगी. साल 2000 के विधानसभा चुनाव में जितने के बाद वो राबड़ी मंत्रिमंडल में बतौर मंत्री शामिल हुए. साल 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कड़ी टक्कर के बीच चुनाव जीतने में सफल रहे. 2018 में तत्कालीन कांग्रेसी सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी के निधन के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने डा मो जावेद को टिकट दिया और मोदी की सुनामी के बावजूद पूरे बिहार में सिर्फ किशनगंज सीट पर कांग्रेस का झंडा लहराने वाले वो एक मात्र सांसद थे. लगातार दूसरी बार में देश की सर्वोच्च सदन में जाने के लिए जनता ने उन्हें चुना है.
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