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इंसान को बर्बादी की ओर ले जाता है नशे का सेवन: जेगवार

एसएसबी की 19 वीं वाहिनी के द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के समापन के अवसर पर कार्यशाला का आयोजन किया गया.

ठाकुरगंज. एसएसबी की 19 वीं वाहिनी के द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के समापन के अवसर पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. 19वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल, ठाकुरगंज के उप कमांडेंट जगजीत बहादुर जेगवार के द्वारा जवानों को नशे के दुष्परिणामों की जानकारी देते हुए बताया कि नशा एक ऐसी आदत है, जो मनुष्य को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से बर्बाद कर देती है. जहरीले और नशीले पदार्थ का सेवन इंसान को बर्बादी की ओर ले जाता है. सबसे अधिक युवा पीढ़ी इससे प्रभावित हो रही है. युवा पीढ़ी को चाहिए कि नशे से दूर रहें और औरों को भी नशे की लत से बचाएं, तभी देश की उन्नति हो सकती है. सभी को अपने जीवन से नशे को हटाने का संकल्प करना होगा. नशा करने वाला व्यक्ति परिवार के लिए बोझ स्वरूप हो जाता है. उसकी समाज एवं राष्ट्र के लिए उपयोगिता शून्य हो जाती है और वह नशे से अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है तथा शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप बन जाता है. नशे से बचने के लिए सभी को सामाजिक गतिविधियों के साथ साथ खेलों और राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों से जोड़ने के लिए प्रयास करना चाहिए. बताते चले 12 जून 2024 से 26 जून 2024 तक नशीली दवाओं के दुरुपयोग व अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य में नशा मुक्त भारत पखवाड़ा का आयोजन एसएसबी द्वारा किया गया. इस दौरान नशे के खिलाफ इ-प्रतिज्ञा, जागरूकता अभियान, सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता अभियान, शिक्षण संस्थानों व अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर नशे से होने वाले दुष्प्रभावों के संबंध में कार्यशाला आयोजित हुई . कमांडेंट स्वर्णजीत शर्मा,ने इसकी विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि नशा इन दिनों युवाओं को अपनी गिरफ्त में तेजी से ले रहा हैं. जिसमें चरस, अफीम, स्मैक, प्रतिबंधित कोडिनयुक्त कफ सिरप व नशे की गोलियां युवाओं का जीवन खतरे में डाल रही है. युवा वर्ग पीढ़ी में नशे की लत तेजी से बढ़ रही है. अधिकतर लोगों को ऐसा लगता है कि नशे की लत से सिर्फ हमारे ही शरीर को नुकसान पहुंचता है. लेकिन चिकित्सक रिपोर्ट यह दावा करती है कि जिन लोगों को अधिक शराब या अधिक सिगरेट पीने की आदत रहती है या जो लोग ड्रग्स लेते हैं. उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है. जिससे कि धीरे-धीरे इंसान अपने परिजनों से भी दूरी बनाने लगता है व उनका पूरा परिवार इन सब में फंस के रह जाता है. जिससे निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है. यदि देखा जाये तो नशे कि लत में पड़ा इंसान अकेले अपना ही नहीं बल्कि अपने साथ-साथ अपने पूरे परिवार की जिंदगी को खराब कर देता है.

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