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फाइलेरिया मुक्त समाज से सुरक्षित होगा भविष्य, इसके लिए 10 अगस्त से जिले के ठाकुरगंज प्रखंड में चलेगा सर्वजन दवा सेवन अभियान

ठाकुरगंज प्रखंड में 10 अगस्त से चलने वाले सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान के तहत लोगों को खुद भी फाइलेरिया रोधी दवा खानी है और अपने परिजनों के साथ साथ आस-पड़ोस के लोगों को भी इसके उपयोग के लिए समझानी है

ठाकुरगंज. ठाकुरगंज प्रखंड में 10 अगस्त से चलने वाले सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान के तहत लोगों को खुद भी फाइलेरिया रोधी दवा खानी है और अपने परिजनों के साथ साथ आस-पड़ोस के लोगों को भी इसके उपयोग के लिए समझानी है जिससे कि 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों द्वारा दवा का सेवन करते हुए खुद को फाइलेरिया बीमारी से सुरक्षित रख सकें. उक्त कार्यक्रम की सफलता के लिए ठाकुरगंज के बीडीओ अहमार अब्दाली की अध्यक्षता में सभी लाइन डिपार्टमेंट के पदाधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया.

घर-घर पहुंचकर सभी स्वस्थ व्यक्ति को खिलाई जाएगी दवा

बीडीओ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि एमडीए अभियान के दौरान दी जाने वाली फाइलेरिया रोधी दवाएं फाइलेरिया बीमारी की नहीं बल्कि इससे बचाव की दवा है. इसे हर स्वस्थ व्यक्ति को खाना चाहिए. इसके लिए स्थानीय आशा कर्मियों या आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा लोगों को घर-घर पहुंचकर दवा खिलाई जाएगी. फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य कर्मी द्वारा 02 वर्ष से ऊपर के सभी लोगो को एल्बेंडाजोल और डीईसी की गोली खिलाई जाएगी तथा विदित हो कि 02 वर्ष से नीचे, गर्भवती माता एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी . सभी लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा उम्र के अनुसार दवाई दिया जाएगा ताकि उम्र के अनुसार उनका डोज सम्पूर्ण हो सके.

लगातार पांच साल खाने से कभी नहीं होगी फाइलेरिया

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि फाइलेरिया होने पर लोगों को इसकी जानकारी 05 से 10 साल बाद बता चलता है जब उनका हाथ-पैर या पुरुषों के हाइड्रोसील और महिलाओं के स्तन में सूजन होने लगता है. समय के साथ साथ सूजन बढ़ने लगता है. हाइड्रोसील में होने वाले सूजन को नजदीकी सरकारी अस्पताल में सूचित करने पर योग्य चिकित्सकों के द्वारा उसका ऑपरेशन करते हुए फाइलेरिया से सुरक्षित किया जा सकता है लेकिन हाथ-पैर और महिलाओं के स्तन में सूजन होने पर उसका संपूर्ण इलाज नहीं हो सकता. इससे सुरक्षित रहने के लिए लोगों को स्थानीय स्वास्थ्य कर्मी द्वारा एमडीए कार्यक्रम के दौरान साल में एक बार घर-घर पहुंचकर खिलाये जाने वाले दवा का सेवन स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही करना चाहिए. सभी स्वस्थ व्यक्ति द्वारा लगातार पांच साल तक साल में एक बार इसका सेवन करने से वे फाइलेरिया से सुरक्षित रह सकते हैं. दवाई सेवन करने से अगर उनके शरीर के अंदर फाइलेरिया की कीटाणु उपलब्ध हैं तो वह नष्ट हो जाते हैं. इसलिए 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को (गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमार लोगों को छोड़कर) इसका सेवन करना चाहिए और खुद को फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित करना चाहिए. कार्यक्रम की सफलता के लिए सहयोगी संस्था के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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