सीमावर्ती क्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी पर नहीं लग पायी है लगाम
प्रतिनिधि, किशनगंज
एक वर्ष में पकड़े गए दर्जन भर मामले
पिछले एक वर्ष में रेल व स्थानीय पुलिस द्वारा गांजा तस्करी के दर्जन भर मामले पकड़े गए हैं. अधिकांश मामलों में महज मादक पदार्थों की बरामदगी भर की जा सकी. जानकारी के मुताबिक ट्रेन के ब्रेक भान में तस्करी का गांजा आराम से बुक करा दिया जाता है. संबंधित स्टेशन पर गिरोह के एजेंट द्वारा मादक पदार्थ को उतार सड़क के रास्ते गंतव्य तक पहुंचाया जाता है. पूर्वोत्तर की ओर से आने वाली माल लदे ट्रकों से गांजा, एवं हेरोइन को चमड़े के छोटे बैग में पैक कर देश के बड़े शहरों में भेजा जाता है.सिलीगुड़ी और अलुबाड़ी का ट्रांजिट प्वाइंट
बांग्लादेश एवं नेपाल से मादक पदार्थ की खेप पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर पहुंचाई जाती है. मादक पदार्थों की तस्करी के लिए सिलीगुड़ी और इस्लामपुर को तस्कर गिरोह का ट्रांजिट प्वॉईंट माना जाता है. सिलीगुड़ी और इस्लामपुर से डिमांड के आधार पर मादक पदार्थों की खेप भेजी जाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है