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ई शिक्षा कोष ऐप फेल, शिक्षकों को हुई परेशानी

स्कूल आकार भी हाजरी कटने का डर समाया

ठाकुरगंज. सरकारी शिक्षकों की विद्यालयों में उपस्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू किये गये ई- शिक्षा कोष ऐप गुरुवार को फेल रहा. गुरुवार की सुबह जब शिक्षक स्कूल पहुचे तो अधिकतर शिक्षकों के ऐप ने काम ही नहीं किया. विद्यालय के 500 मीटर के दायरे में पहले तो ऐप ही नहीं खुला, जिनकी किसी तरह हाजरी बनी भी तो थोड़ी देर बाद उनकी उपस्थिति अमान्य करार देते हुए उन्हें अनुपस्थित दिखा दिया गया. हालांकि इक्के दुक्के शिक्षक सौभाग्यशाली रहे जिनकी उपस्थिति बनी भी और ऐप में दिखा भी. बताते चले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने बड़ी शिद्दत से इस एप्लीकेशन को शुरू किया था, जो तकनीकी खामियों की वजह से कामयाब होता नहीं दिख रहा है. शिक्षकों को लगातार परेशानी हो रही है. स्कूल आकार भी हाजरी कटने का डर समाया

शिक्षकों ने बताया की यह विभागीय आदेश है कि एक अक्तूबर से ई-शिक्षा कोष एप से हाजिरी बनाने पर ही वेतन का भुगतान किया जायेगा. ऐसे में गुरुवार को जिनकी उपस्थिति स्कूल में आने के बाद भी नहीं बनी उन शिक्षकों चिंता सता रही है. उन्हें एक दिन की हाजरी कटने का डर सामने लगा है. विभागीय नियमों के जानकार बताते हैं कि अपर मुख्य सचिव के स्तर से स्पष्ट आदेश है कि ऑनलाइन हाजिरी विवरणी और प्रधानाध्यापक द्वारा जमा कराये गये मासिक अनुपस्थिति विवरणी में अंतर मिलने पर वेतन विपत्र तैयार करने के पूर्व प्रखंड शिक्षा कार्यालय के स्तर से संबंधित विद्यालय के प्रधान से साक्ष्य की मांग की जानी है. किंतु ठाकुरगंज प्रखंड में अक्टूबर माह के वेतन भुगतान में अपर मुख्य सचिव के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए कई शिक्षकों के वेतन में कटौती कर ली गयी, जिससे शिक्षकों में आक्रोश पनपने लगा है जो कभी भी विकराल रूप धारण कर सकता है.

ऑनलाइन हेल्प डेस्क नहीं हो रहा समस्याओं का सामाधान

ऑनलाइन हाजिरी बनाने में आनेवाले किसी भी समस्या का त्वरित समाधान हेतु उक्त एप पर “रेज टिकट ” के मार्फ़त हेल्प डेस्क की सुविधा दी गयी है. लेकिन कई शिक्षकों ने बताया कि यह हेल्प डेस्क सफेद हाथी का शक्ल ले चुका है. “रेज टिकट ” के मार्फ़त ऑनलाइन समस्या दर्ज करने के दो से तीन बाद समस्या पर गौर फरमाया जाता है जिसके कारण समस्या का निवारण नहीं हो पाता है . परिणामतः पीड़ित शिक्षक विद्यालय में दिन भर कार्य करने के बावजूद अनुपस्थित घोषित हो जाता है जिस पर सम्बंधित प्रखंड कार्यालय के लेखापाल द्वारा बगैर पूछताछ के ही वेतन कटौती कर ली जाती है.

25 जून से अनिवार्य किया गया था

शिक्षा अपर मुख्य सचिव ने ई शिक्षाकोष ऐप को 25 जून से अनिवार्य रूप में लागू किया था. इसके पहले ट्रायल भी किया गया था. सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों को 25 जून से ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से ई-शिक्षाकोष पोर्ट (एप) विकसित किया गया है. एप्लीकेशन की मॉनिटरिंग जिला शिक्षा कार्यालय को करना है. ऐप पर शिक्षकों की उपस्थिति देखी जाएगी. शिक्षा विभाग के निर्देश पर हर जिला शिक्षा कार्यालय में ई शिक्षा कोष सेल बनाया गया है.

एप्लीकेशन कैसे काम करता है

ई शिक्षा कोष एप्लीकेशन और पोर्टल पर हाजिरी बनाने के लिए शिक्षकों को संबंधित विद्यालय के पांच सौ मीटर की दायरे में रहना अनिवार्य है. शिक्षक को उनके मोबाइल स्क्रीन पर दो बटन दिखाई देते हैं . एक स्कूल इन और दूसरा स्कूल आउट. विद्यालय में उपस्थित रहने की स्थिति में प्रधानाध्यापक और शिक्षक सेल्फ अटेंडेंस को चुनते हुए बटन को क्लिक करते हैं. इसके बाद सेल्फी कैमरा खुलेगा. सेल्फी मोड में फोटो क्लिक करना होता है. सेल्फी कैमरा से खींची गई फोटो ऐप पर लोड हो जाएगा. शिक्षकों का अटेंडेंस बन जायेगा. शिक्षको को यह काम दो बार करना होता है. स्कूल पहुंचने पर पहली दफा और स्कूल से जाने वक्त दूसरी दफा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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