नम आंखों से दी गई मां काली को विदाई
दीपोत्सव का त्योहार दिवाली और काली पूजा धूमधाम से संपन्न हो गया है. इसके साथ ही मां काली की प्रतिमाओं का भी विसर्जन कर दिया गया है.
पौआखाली. दीपोत्सव का त्योहार दिवाली और काली पूजा धूमधाम से संपन्न हो गया है. इसके साथ ही मां काली की प्रतिमाओं का भी विसर्जन कर दिया गया है. पौआखाली नगर में शुक्रवार की देर संध्या प्लस टू हाईस्कूल रोड नानकार स्थित बड़ी मां काली मंदिर, झपड़तल मंदिर, लोहारपट्टी मंदिर सहित कुल आधे दर्जन प्रतिमाओं का भव्य विसर्जन जुलूस निकाला गया. प्रतिमाओं के अंतिम दर्शन को लेकर नगर के श्रद्धालुओं की भीड़ सड़क किनारे उमड़ी रही. इस दौरान महिला श्रद्धालुओं ने मां काली को सिंदूर लगाकर और खोईचा भरकर विदाई दी. उधर ढोल ढाक और ताशे की धुन पर भक्तगण नाचते गाते नगर भ्रमण के उपरांत सभी प्रतिमाओं का बारी- बारी से पबना घाट स्थित बूढ़ी कनकई नदी के जल में विसर्जन कर दिया है. जुलूस में विधि व्यवस्था के लेकर पुलिस प्रशासन काफी चौकस दिखे. पौआखाली थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार मिश्र, गंधर्वडांगा थानाध्यक्ष धनजी एसआई अंगद कुमार सहित पुलिस जवान विसर्जन जुलूस में सतत निगरानी बनाये हुए थे. विसर्जन जुलूस में उपमुख्य पार्षद अबूनसर आलम, पूर्व पंसस प्रदीप सिन्हा, शिवचंद्र शर्मा, प्रदीप चौधरी, कृष्णा चौधरी, मनोज साह, संतोष साह, सुनील गुप्ता, घनश्याम गुप्ता, सुधीर यादव, विशाल सिन्हा, बिट्टू गुप्ता, ओमलाल शर्मा, विश्वजीत राय, सचिन साह, मोनू पाठक आदि लोग जुलूस की निगरानी करते हुए साथ चल रहे थें. इनसे पहले दिवाली की रात दीयों की जगमगाहट के साथ जमकर आतिशबाजी की है. घर परिसर प्रतिष्ठान से लेकर विभिन्न मंदिरों में पारंपरिक मिट्टी के दीये जलाकर मां लक्ष्मी और काली की पूजा अर्चना की गई. धूमधाम और भक्तिभाव के साथ श्रद्धालुओं ने मां काली की पूजा आराधना कर आशीर्वाद लिया. इस दौरान नगर के सभी काली मंदिरों में महाप्रसाद के तौर पर खिचड़ी पूड़ी हलवा मिठाई भक्तों के बीच वितरित किये गये.
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