किशनगंज मेंएक सप्ताह में मिले पांच डेंगू मरीज, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
किशनगंज जिले में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले एक सप्ताह में 05 मरीजों की पुष्टि हुई है. इन मरीजों में दिघलबैंक प्रखंड के स्वास्थ्य विभाग के सामुदायिक प्रबंधक भी शामिल हैं.
जिले में लगातार बढ़ रहे हैं डेंगू के मरीज
लोगों को जागरूक रहने की अपीलकिशनगंज.किशनगंज जिले में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले एक सप्ताह में 05 मरीजों की पुष्टि हुई है. इन मरीजों में दिघलबैंक प्रखंड के स्वास्थ्य विभाग के सामुदायिक प्रबंधक भी शामिल हैं. डेंगू के इन नए मामलों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है और प्रभावित क्षेत्रों में विशेष रूप से फॉगिंग अभियान चलाया जा रहा है. ताकि मच्छरों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके. जिले में इस समय कुल 05 मरीजों का उपचार चल रहा है, और सभी की स्थिति स्थिर बताई जा रही है. सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि विभाग डेंगू के संभावित प्रसार के मद्देनजर पूरी तरह सतर्क है और सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.
डेंगू से बचाव के लिए रहें सतर्क
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि अक्टूबर का महीना डेंगू के प्रसार के लिहाज से सबसे संवेदनशील होता है. इस मौसम में लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि डेंगू एक मच्छरजनित रोग है, जो संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते और उल्टी शामिल हैं. यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर इसकी जांच और उपचार करायें.
डॉ. राजेश कुमार ने लोगों को सलाह दिया कि वे अपने घरों और आस-पास के क्षेत्रों में पानी जमा न होने दें, क्योंकि एडीज मच्छर साफ पानी में पनपता है. पानी की टंकी, कूलर, गमले और अन्य जल स्रोतों को नियमित रूप से साफ करें. मच्छरों से बचाव के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और मच्छररोधी क्रीम लगाएं. घरों के अंदर भी मच्छरों से बचने के लिए मच्छर मारने वाले रैकेट या फ्यूमिगेटर का उपयोग करें.स्वास्थ्य विभाग की तैयारी और सुविधाएं
जिले में डेंगू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर रखी है. सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू की जांच और उपचार की समुचित व्यवस्था की गई है. सदर अस्पताल में 10 बेड, अनुमंडल अस्पताल में 05 बेड और प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में 02-02 बेड डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित रखे गए हैं. डेंगू की जांच के लिए जिले के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में पर्याप्त मात्रा में जांच किट उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि समय रहते रोग की पहचान और इलाज किया जा सके.डेंगू से बचाव के उपाय
डॉ मंजर आलम ने आम लोगों से अपील की कि वे डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों के प्रजनन को रोकने पर विशेष ध्यान दें. उन्होंने कहा कि “घर के आसपास साफ-सफाई रखें, पानी जमा न होने दें, और कूलर या टंकी जैसी जगहों की नियमित सफाई करें. मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें और शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. साथ ही, बुखार होने पर बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें और खुद से कोई दवा न लें. जल्द से जल्द जांच और इलाज कराना ही डेंगू से बचने का सबसे कारगर तरीका है.” जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने लोगों से अपील की है कि वे मच्छरों के काटने से बचने के उपायों को अपनाएं और डेंगू के प्रसार को रोकने में अपना सहयोग दें.जिले में लगातार बढ़ रहे हैं डेंगू के मरीज, लोगों को जागरूक रहने की अपील
किशनगंज जिले में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले एक सप्ताह में 05 मरीजों की पुष्टि हुई है. इन मरीजों में दिघलबैंक प्रखंड के स्वास्थ्य विभाग के सामुदायिक प्रबंधक भी शामिल हैं. डेंगू के इन नए मामलों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है और प्रभावित क्षेत्रों में विशेष रूप से फॉगिंग अभियान चलाया जा रहा है. ताकि मच्छरों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके. जिले में इस समय कुल 05 मरीजों का उपचार चल रहा है, और सभी की स्थिति स्थिर बताई जा रही है. सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि विभाग डेंगू के संभावित प्रसार के मद्देनजर पूरी तरह सतर्क है और सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.डेंगू से बचाव के लिए रहें सतर्क
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि अक्टूबर का महीना डेंगू के प्रसार के लिहाज से सबसे संवेदनशील होता है. इस मौसम में लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि डेंगू एक मच्छरजनित रोग है, जो संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते और उल्टी शामिल हैं. यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर इसकी जांच और उपचार कराएं.डॉ. राजेश कुमार ने लोगों को सलाह दिया कि वे अपने घरों और आस-पास के क्षेत्रों में पानी जमा न होने दें, क्योंकि एडीज मच्छर साफ पानी में पनपता है. पानी की टंकी, कूलर, गमले और अन्य जल स्रोतों को नियमित रूप से साफ करें. मच्छरों से बचाव के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और मच्छररोधी क्रीम लगाएं. घरों के अंदर भी मच्छरों से बचने के लिए मच्छर मारने वाले रैकेट या फ्यूमिगेटर का उपयोग करें.
स्वास्थ्य विभाग की तैयारी और सुविधाएं
जिले में डेंगू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर रखी है. सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू की जांच और उपचार की समुचित व्यवस्था की गई है. सदर अस्पताल में 10 बेड, अनुमंडल अस्पताल में 05 बेड और प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में 02-02 बेड डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित रखे गए हैं. डेंगू की जांच के लिए जिले के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में पर्याप्त मात्रा में जांच किट उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि समय रहते रोग की पहचान और इलाज किया जा सके.
डेंगू से बचाव के उपाय
डॉ मंजर आलम ने आम लोगों से अपील की कि वे डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों के प्रजनन को रोकने पर विशेष ध्यान दें. उन्होंने कहा कि “घर के आसपास साफ-सफाई रखें, पानी जमा न होने दें, और कूलर या टंकी जैसी जगहों की नियमित सफाई करें. मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें और शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. साथ ही, बुखार होने पर बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें और खुद से कोई दवा न लें. जल्द से जल्द जांच और इलाज कराना ही डेंगू से बचने का सबसे कारगर तरीका है.” जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने लोगों से अपील की है कि वे मच्छरों के काटने से बचने के उपायों को अपनाएं और डेंगू के प्रसार को रोकने में अपना सहयोग दें.
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