जिले में कुल 05 निश्चय मित्रों ने 20 टीबी मरीजों को लिया गोद
टीबी मुक्त जिला बनाने में अपना योगदान कर सकते हैं.अब तक जिले में कुल 05 निश्चय मित्र के द्वारा 20 टीबी मरीजों को गोद लिया गया है.
टीबी मुक्त भारत अभियान में निक्षय मित्र की भूमिका अहम
किशनगंज.भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा टीबी मुक्त भारत अभियान देश को 2025 तक टीबी से मुक्त करने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है. इस अभियान का उद्देश्य टीबी के मामलों की पहचान, रोगियों का समुचित इलाज, और टीबी के प्रति जागरूकता फैलाना है. टीबी, जिसे आम भाषा में तपेदिक कहा जाता है. एक संक्रामक बीमारी है जो मुख्यतः फेफड़ों को प्रभावित करती है, परंतु शरीर के अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकती है. भारत में इस बीमारी का बोझ बहुत अधिक है, और इसके उन्मूलन के लिए सरकार और समाज के सभी वर्गों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है. इस प्रयास में निक्षय मित्र की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है. टीबी मुक्त भारत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के तहत सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है. ताकि समाज के लोग भी आगे आकर टीबी मुक्त भारत में अपना सहयोग दे सके, इसके तहत वैसे लोगो की पहचान करनी है जो टीबी मरीज को कुछ मदद करना कहते है उन्हें निक्षय मित्र के रूप में चयन कर निक्षय से जोड़ा जायेगा ताकि उनकी भी एक अलग पहचान मिल सके.निक्षय मित्र की समाज में भूमिका
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि निक्षय मित्र न केवल टीबी मरीजों को इलाज में सहायता प्रदान क्र सकते हैं, बल्कि वे टीबी के उन्मूलन के लिए समाज में जागरूकता फैलाने का भी काम करते हैं. उनकीपोषण संबंधी सहायता
टीबी के मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, और उन्हें पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है. निक्षय मित्र मरीजों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराते हैं, जिससे उनका शरीर संक्रमण से लड़ने में सक्षम हो सके. यह मदद विशेष रूप से गरीब और वंचित वर्ग के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण होती है, जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं और उचित पोषण नहीं ले पाते.मानसिक और भावनात्मक समर्थन
टीबी का इलाज लंबा और जटिल होता है, जिसमें मरीज को मानसिक और भावनात्मक समर्थन की भी आवश्यकता होती है. निक्षय मित्र मरीजों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने में सहायता करते हैं, जिससे वे पूरे इलाज के दौरान सकारात्मक बने रहें. यह भावनात्मक समर्थन मरीजों को अपनी बीमारी से लड़ने की शक्ति देता है और उनके जीवन में एक नया आत्मविश्वास पैदा करता है.
स्वास्थ्य सेवाओं का समर्थन
निक्षय मित्र यह सुनिश्चित करते हैं कि टीबी मरीजों को समय पर दवाइयां और अन्य स्वास्थ्य सेवाएं मिलें. वे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और मरीजों के बीच एक पुल का काम करते हैं, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके. इसके अलावा, वे मरीजों को उनकी चिकित्सा स्थिति के बारे में जागरूक करते हैं और उन्हें इलाज के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, इसकी जानकारी देते हैं.टीबी के प्रति जागरूकता फैलाना
निक्षय मित्र टीबी के बारे में जागरूकता फैलाने में भी मदद करते हैं. वे लोगों को टीबी के लक्षण, बचाव के उपाय, और इलाज के महत्व के बारे में जानकारी देते हैं. इसके अलावा, वे टीबी के प्रति समाज में फैले मिथकों को दूर करने का भी काम करते हैं, जिससे टीबी से जुड़ी भ्रांतियों को समाप्त किया जा सके.
जिले में कुल 05 निश्चय मित्र के द्वारा 20 टीबी मरीजो को गोद लिया गया है
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बाते की टीबी रोग के उन्मूलन में सामान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, गैर सरकारी संस्थान, कॉर्पोरेट संस्थान सहित अन्य संस्थाएं अपनी मजबूत भागीदारी निभा सकते हैं. इसके लिए सरकार “निक्षय मित्र” बनने का मौका दे रही है. अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्थान मरीजों को पोषण, डायग्नोस्टिक और रोजगार के स्तर पर मदद कर उनसे सच्ची मित्रता निभा सकते हैं. जिला प्रशासन और जिला यक्ष्मा केंद्र ने अपील की है कि जिला के लोग, जनप्रतिनिधि और विभिन्न संस्थाएं निक्षय मित्र बनकर टीबी रोगियों की सहायता करने का संकल्प लें. इसके तहत कोई भी सामान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, राजनीतिक दल, गैर सरकारी संस्थान, कॉर्पोरेट संस्थान निक्षय मित्र बनकर टीबी रोगियों की सहमति से उनकी विभिन्न तरीके से मदद कर सकते हैं. इसके अलावा पोषण, जांच व रोजगार से जुड़ी मदद कर टीबी मुक्त जिला बनाने में अपना योगदान कर सकते हैं.अब तक जिले में कुल 05 निश्चय मित्र के द्वारा 20 टीबी मरीजों को गोद लिया गया है.समाज के प्रति योगदान
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया की निक्षय मित्र समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरक होते हैं. वे न केवल व्यक्तिगत स्तर पर मरीजों की मदद करते हैं, बल्कि एक बड़े स्तर पर समाज में स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता में सुधार करते हैं. निक्षय मित्र की भूमिका समाज को यह संदेश देती है कि टीबी जैसी गंभीर बीमारी का उन्मूलन सिर्फ सरकार का काम नहीं है, बल्कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति और संस्था का भी दायित्व है. टीबी मुक्त भारत अभियान और निक्षय मित्र की भूमिका मिलकर टीबी के उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने में अहम योगदान दे सकती है. यह सामूहिक प्रयास न केवल भारत को टीबी से मुक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह समाज के स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए भी आवश्यक है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है