20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दीपावली के आगमन के साथ ही जिले में जुए के अड्डे सक्रिय

लक्ष्मी के आगमन के प्रतीक दीपावली के त्योहार के आगमन के साथ ही जिले भर में जुए के अड्डे एक बार फिर सक्रिय हो उठे हैं.

किशनगंज.लक्ष्मी के आगमन के प्रतीक दीपावली के त्योहार के आगमन के साथ ही जिले भर में जुए के अड्डे एक बार फिर सक्रिय हो उठे हैं.शाम ढलते ही इन अड्डों पर चोरी-छिपे जुआड़ियों का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है.जो रात भर चलता है.एक झटके में झोली भर लेने की चाहत में ये जुआड़ी ताश के बेजान पत्तों में अपना किस्मत ढूंढने लगतें हैं. सूत्र बतातें हैं कि पूरे जिले में शहर से लेकर गांव तक गुप्त ठिकानों पर जुए का खेल लगातार जारी है.जिसमे हर दिन लाखों के वारे-न्यारे हो रहें है.जबकि किशनगंज पुलिस की बढ़ती दबिश के बाद जुए के माफिया और जुआड़ी नये ठिकानों की तलाश में लग जातें हैं.पुलिस की दबिश के बाद जुए के अड्डे चलाने वाले लगातार जगह बदल रहें हैं.जिले के कई हिस्सों में नवरात्रि के बाद से ही जुआ का अवैध खेल में काफी तेजी आई है. दीपावली पर्व के आते ही जुए का दौर शुरू हो गया है.पैसे बनाने की होड़ में जुआ खेलने व खिलाने का धंधा जोरों पर है.सट्टा व जुआ के गंदे खेल में बच्चे भी अछूते नहीं है. छोटे उम्र के बच्चे भी जुए व सट्टे के कारोबार में शामिल हैं. जिससे उनका भविष्य बर्बाद हो रहा है.ज्ञात हो कि दीपावली के पूर्व जुआ को बढ़ावा देने वाले लोगों के चेहरे की रौनक बढ़ गयी है. खेलने से ज्यादा खिलवाने वाले काट रहें हैं चांदी पूरे साल जुआ खेलने के शौकीन जुआरियों की सरगर्मियां दीपावली की आहट के साथ इन दिनों कुछ ज्यादा बढ़ गई है. समाज में शराफत की चादर ओढ़कर घूमने वाले कुछ ऐसे चेहरे हैं,जो जुआ खिलवाने का पूरा प्रबंध करते हैं.जुआ खेलने के बदले में बाकायदा फीस के रूप में मोटे पैसे लिए जाते हैं जुआ की दुनिया में उसे कटिंग कहते हैं. इस खेल में कोई लखपति तो कोई खाकपति हो जाता है.हां,इसमें जुआ खेलने वालों का चाहे भला हो या न हो,मगर जुआ खेलने का स्थान देने वाला ही मोटी मलाई डकार जाते हैं. पुलिस भले ही दावा कर रही है कि जुआ नहीं खेलने दिया जाएगा. जुआरियों पर शिकंजा कसा जाएगा,मगर जुआरी भी पुलिस डाल-डाल तो वे पात-पात चलने का हथकंडा अपना रहे हैं.अभी से ही जुए से लाखों के वारे न्यारे किए जा रहे हैं. जुआ के खेल में शामिल संचालकों द्वारा उन पर पुलिस की नजर न पड़े बाकायदा तौर पर पहरा बिठाया होता है. एहतियात के तौर पर जुए के अड्डे के बाहर वे अपने मोबाइल फोन से लैस अपने आदमी बिठाते हैं जो हर एक गतिविधि की सूचना भीतर देता है. उनके आदमी बाहर की गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं और जुआरियों को बाहर की पल-पल की रिपोर्ट मिलती रहती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें