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स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को ग्रामीण स्तर तक पहुंचाने का माध्यम है ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस

.ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण दिवस सामुदायिक स्तर पर निवारक और विकास सेवाएं प्रदान करने का माध्यम है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 29, 2024 7:29 PM

किशनगंज.ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण दिवस सामुदायिक स्तर पर निवारक और विकास सेवाएं प्रदान करने का माध्यम है. जिसमें प्रजनन, मातृ, नवजात, बच्चे और किशोर स्वास्थ्य, संचारी और गैर संचारी रोग के लिए बुनियादी स्वास्थ्य और परामर्श सेवाएं शामिल हैं. पोषण के तहत इसमें विकास की निगरानी, स्तनपान और पूरक आहार, मातृ पोषण, सूक्ष्म पोषक तत्व आदि से संबंधित सेवाएं और परामर्श, बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन का विकास, उम्र के अनुकूल खेल और संचार, स्वच्छता को बढ़ावा देने, हाथ धोने, सुरक्षित पेयजल और शौचालयों के उपयोग आदि शामिल हैं.

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि जिले में सुरक्षित एवं संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानीय स्तर के अधिकारी अपनी ओर से लगातार प्रयासरत हैं. हालांकि अब ग्रामीण क्षेत्रों की गर्भवती एवं धातृ महिलाओं के अलावा उनके परिजनों को जागरूक होने जरूरत है. सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के लिए प्रसव पूर्व प्रबंधन बहुत ही जरूरी है. जिसके लिए सभी सरकारी अस्पतालों में उचित परामर्श, जांच एवं दवा निःशुल्क उपलब्ध हैं. वहीं आरोग्य दिवस के दिन जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर गर्भवती , धात्री माता , किशोरी , एवं बच्चों के टीकाकरण के साथ विस्तार से जानकारी दी गई. जिसका अनुश्रवन जिलास्तर से डीआईओ डॉ देवेन्द्र कुमार एवं एमओआईसी , बीएचएम् , बीसीएम् , महिला पर्यवेक्षिका तथा सहयोगी संस्था के कर्मियों के द्वारा किया गया है.

लाभार्थियों को एक दिन पूर्व सूचित कर आयोजित किये जाते हैं सत्र

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया सामुदायिक स्तर पर माह में एक बार आंगनबाडी, चिह्नित केन्द्रों पर वीएचएसएनडी का आयोजन किया जाता है. क्षेत्र की एएनएम, मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा तैयार की गई लाभार्थी सूची के आधार पर अपने पोषण क्षेत्र के लिए मासिक वीएचएसएनडी योजना तैयार की जाती है. आयोजित सत्र की तिथि और समय आंगनबाड़ी केंद्रों और उप केंद्रों में सेवा प्रदाता और उनके नाम के साथ प्रदर्शित की जाती है. आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एमसीपी कार्ड के साथ वीएचएसएनडी सत्र आयोजन स्थल पर एक दिन पूर्व लाभार्थियों को सूचित करती हैं. योजना के अनुसार सत्र के दौरान वीएचएसएनडी में सभी आवश्यक गतिविधियों और सेवा वितरण के लिए दवाएं और आपूर्ति उपलब्ध कराई जाती है. सत्र कम से कम चार घंटे के लिए आयोजित किया जाता है. जिसमें से कम से कम एक घंटा समूह परामर्श सत्र के लिए समर्पित होता है.

स्वास्थ्य एवं पोषण को लेकर हम सभी को जागरूक होने की आवश्यकता

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने आरोग्य दिवस के निरीक्षण के दौरान बताया की उक्त कार्यक्रम में न सिर्फ टीकाकरण बल्कि एएनसी एवं सभी एएनएम के द्वारा अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, एनीमिया, टीकाकरण, प्रसव पूर्व तैयारी, उच्च जोख़िम वाले गर्भावस्था के अलावा धातृ महिलाओं को अपने नवजात शिशुओं के लिए स्तनपान कराना क्यों जरूरी है, इसके संबंध में विस्तृत रूप से चर्चा की जाती है . पहले 6 माह तक नियमित रूप से शिशुओं को स्तनपान कराने से उसे कई तरह के संक्रमण से बचाया जा सकता है. स्वास्थ्य एवं पोषण को लेकर सरकार द्वारा कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.

आरोग्य दिवस के दिन सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि आरोग्य दिवस के दिन स्थानीय प्रखंड के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों में एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिकाओं के सहयोग से गर्भवती माताओं की जांच की जाती है . प्रसव पूर्व जांच से लेकर प्रसव कराने तक की बेहतर व्यवस्था स्थानीय स्तर के स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध कराई गई है. गर्भवती होने से लेकर प्रसव काल तक कुछ बातों का ध्यान रखना अतिआवश्यक होता है. गर्भवती महिलाओं को प्रोटीनयुक्त आहार का जरूर सेवन करना चाहिए.

टेलीमेडिसीन के माध्यम से फ्री में करायें इलाज

जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया प्रचंड गर्मी के समय में अस्पताल जान असहज महसूस होता है ऐसी स्थिति में सामुदायिक स्तर पर सरकार द्वारा संचालित टेलीमेडिसीन कार्यक्रम एक साथ कई आयामों एवं उद्देश्यों को पूरा करता है. ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस के मौके पर तथा सप्ताह के सभी दिन टेलीमेडिसीन की भी सुविधाएं उपलब्ध हैं. इसके माध्यम से घर बैठे अपना फ्री में इलाज सरकारी चिकित्सकों से करवा सकते हैं. इसके लिए अस्पताल आने की जरूरत नहीं पड़ती है. लोग इसका लाभ भी उठा रहे हैं.

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