हाईब्लड प्रेशर का शिकार हार्ट अटैक व मौत की बड़ी वजह

हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप दुनिया भर में हृदय रोगों और समय से पहले मौत की सबसे बड़ी वजहों में एक है. मौजूदा दौर में असंतुलित जीवनशैली, असुरक्षित खानपान और फिजिकल एक्टिविटीज में कमी के चलते उच्च रक्तचाप से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 18, 2024 2:40 PM

किशनगंज. हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप दुनिया भर में हृदय रोगों और समय से पहले मौत की सबसे बड़ी वजहों में एक है. मौजूदा दौर में असंतुलित जीवनशैली, असुरक्षित खानपान और फिजिकल एक्टिविटीज में कमी के चलते उच्च रक्तचाप से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. सेहत की ये खतरनाक समस्या दुनिया में लाखों लोगों को प्रभावित करती है.

चौंकाने वाली बात यह है कि बड़ी संख्या में पीड़ित लोग इस परेशानी से अनजान रहते हैं. लोगों को हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दौरान लोगों को उच्च रक्तचाप होने के लक्षणों की जानकारी देने के साथ ही इससे बचाव के उपायों की जानकारी दी जाती है.

जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से हाइपरटेंशन दिवस पर शुक्रवार को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में लोगों के उच्च रक्तचाप की जांच करते हुए उन्हें इससे सुरक्षित रहने के उपायों की जानकारी दी गयी. इस वर्ष विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर ”अपने रक्तचाप को सटीक रूप से मापें, इसे नियंत्रित करें और लंबे समय तक जीवित रहने” की थीम पर मनाया गया है. वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाने की वजहहमारी बॉडी में जब धमनी की दीवारों पर ब्लड प्रेशर सामान्य सीमा से अधिक हो जाता है तो उसे उच्च रक्तचाप कहते हैं. उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करने के लिए समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकता है.

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस 2024 पर इस विषय के तहत दुनिया भर में उच्च रक्तचाप के बारे में कम जागरूकता दर का मुकाबला करने, खास तौर से निम्न से मध्यम आय वाले क्षेत्रों में सटीक रक्तचाप मापने के तरीके को बढ़ावा देने और आम लोगों को उच्च रक्तचाप की पहचान, गंभीर जटिलताओं, उसकी रोकथाम और प्रबंधन के बारे में बताने पर फोकस किया जा रहा है.उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व उच्च रक्तचाप लीग (डब्ल्यूएचएल) ने विश्व उच्च रक्तचाप दिवस की शुरुआत की थी. डब्ल्यूएचएल ने 14 मई 2005 को पहला विश्व उच्च रक्तचाप दिवस शुरू किया था. 2006 से हर साल 17 मई को ही विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के रूप मनाया जाना तय किया गया.

परिवार के सदस्यों से भी अनुवांशिक रूप से होती है हाइपरटेंशन की बीमारी

जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप धीरे-धीरे नजर आने वाला रोग है, जिसका पता लोगों को देर से चलता. खराब जीवनशैली के कारण होने वाले उच्च रक्तचाप से लोग 30 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र में शिकार होते हैं. कभी कभी परिवार के सदस्यों का उच्च रक्तचाप के शिकार होने पर आनुवंशिक रूप से उनके बच्चे भी इसका शिकार हो जाते हैं. इससे सुरक्षित रहने के लिए लोगों को 30 वर्ष की उम्र के बाद हर साल एक बार अपना स्वास्थ्य जांच अवश्य करवाना चाहिए. जांच के बाद अगर किसी का रक्तचाप ज्यादा है तो इसका इलाज कराना चाहिए क्योंकि 80 से 85 प्रतिशत लोगों में उच्च रक्तचाप का कोई लक्षण दिखाई नहीं देता. कभी कभी कुछ लोगों को यह बीमारी जीवन के अंतिम समय में हृदयघात, लकवा, किडनी फेल के रूप में प्रकट होता है जो जानलेवा होता है. इसलिए इस बीमारी को ”साइलेंट किलर” भी कहा जाता है. इससे सुरक्षा के लिए लोगों को साल में एक बार अपनी जांच करवानी जरूरी है.

देश के 57 प्रतिशत मृत्यु का कारण गैर संचारी रोग की लापरवाही

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि भारत में 30 वर्ष से अधिक उम्र का हर चौथा व्यक्ति रक्तचाप की समस्या से ग्रसित है. देश में बीमारी से लोगों की हो रही मृत्यु में ज्यादातर मृत्यु का कारण गैर संचारी रोगों की लापरवाही है जिसमें मुख्य रूप से रक्तचाप, डाइबिटीज, कैंसर जैसी बीमारी आती है. बीमारी से हो रही लोगों की मृत्यु में 57 प्रतिशत मृत्यु गैर संचारी रोगों से ग्रसित लोगों की है. इसमें भी 27 प्रतिशत लोगों की मृत्यु हृदयघात के कारण ही हो जाती है जिसका पता लोगों को बाद में चलता है. इससे सुरक्षित रहने के लिए लोगों को हर साल एक बार अपनी स्वास्थ्य जांच जरूर करवानी चाहिए जिसमें रक्तचाप, शुगर व डायबिटीज मुख्य रूप से शामिल हो. उच्च रक्तचाप के शिकार लोगों को बचाव के लिए खुद का ध्यान रखना जरूरी है. इसके लिए लोगों को अपना वजन नियंत्रित रखना, शारीरिक गतिविधियों में वृद्धि, संतुलित आहार, फल व सब्जियों का सेवन, रक्तचाप की नियमित जांच, चिकित्सकीय सलाह पर आवश्यक दवाइयों का सेवन, शराब, तंबाकू का सेवन वर्जित करना, तनाव से दूर रहना तेल,घी,नमक का सेवन कम करना आदि का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version