सत्य का करेंगे आचरण तो संवरेगा जीवन: विशल्य सागर

सत्य का करेंगे आचरण तो संवरेगा जीवन

By Prabhat Khabar News Desk | September 13, 2024 11:44 PM

किशनगंज

आचार्य विराग सागर के प्रभावक शिष्य मुनि विशल्य सागर जी ने उत्तम सत्य के दिन संदेश देते हुए कहा कि वास्तव में अगर सत्य हमारे हृदय में अवतरित हो जाए तो संसार की कोई भी शक्ति हमें शिवपुर पहुंचने से नहीं रोक सकती है. सत्य के बिना तो सारा जगत शमशान के समान शून्य है. हम दान, दया, परोपकार, सेवा, तपस्या, ब्रह्मचर्य आदि के माध्यम से पृथ्वी को स्वर्ग बना सकते हैं पर सत्य के माध्यम से स्वयं को ही स्वर्गवत बना सकते है. इसीलिए सत्य के प्रति अग्रसर बने. आज का आदमी इतना निकृष्ट हो चुका है कि सत्य को जानकर भी असत्य को दामन में संजोये हुए है उसी के सहारे जीवन चल रहा है अपनी अहं की पुष्टि के लिए भी सत्य को असत्य की पोशाक पहना रहा है. सत्य को जानकर भी अनजान बन रहा है. पूर्ण असत्य में जिंदगी गुजार कर भी अपने को सत्य निष्ठ घोषित कर रहा है. अपने को सत्यान्वेषी सिद्ध कर रहा है. आज व्यक्ति सत्य को समझे बिना सत्य को पाने दौड़ रहा है, पर सत्य बाहर नहीं भीतर है.

कानकी में विराजित मुनि श्री ने बताया कि सत्य तो दर्पण है दर्पण कभी नहीं कहता कि आओ मुझे देखो. वह तो अपने में स्थिर है पर व्यक्ति दर्पण के पास जाता है तब दर्पण गौण हो जाता है रूप सामने आ जाता है वही रूप तुम्हारा है. स्वयं को देखना ही दर्पण को देखना है, जैसे छाया को पकड़ने से छाया पकड़ में नहीं आती पर स्वयं को पकड़ने से छाया सहज ही पकड़ी जाती है. वैसे ही सत्य को पकड़ा नहीं जा सकता स्वयं को पकड़ लो सत्य स्वतः ही तुम्हारे वश में हो जाएगा, यह बात सत्य है कि प्रारंभ असत्य सत्य से ज्यादा प्रभावशाली नजर आता है पर सत्य का बीज जैसे ही अंकुरित होता है असत्य की धरती को भी फाड़ देता है. अतः सत्य की क्षमता अनन्त है, उसे प्रगट करने की आवश्यकता है. कानकी समाज के सुधीर गंगवाल, फूलचंद ठोल्या, अशोक ठोल्या, अंकुश कशलीवाल, धनपत ठोल्या, आभा कशलीवाल, जुली पाटनी, पूजा पांड्या, प्रियंका ठोल्या अन्य मुनि सेवा में लगे हैं.

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