पौआखाली . जिले के सीमावर्ती सुखानी थाना क्षेत्र में स्थित सखुआ बागान से पेड़ों की कटाई का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. दरअसल, यह सनसनीखेज मामला सुखानी थाना और एसएसबी कैंप से सौ दो सौ मीटर दूर तथा कादोगांव बाजार के बिलकुल ही निकट का है जहां से पेड़ों की गुपचुप तरीके से कटाई करने का मामला रविवार को उजागर हुआ है. मामले की सूचना स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही स्थानीय पुलिस प्रशासन और अंचलाधिकारी ठाकुरगंज को दी गयी है. हालांकि पेड़ों की कटाई किसने की है यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है. किंतु, दबे जुबान इस मामले में सीमा क्षेत्र में सक्रिय तस्करों का इसमें हाथ होने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है. चर्चा यह भी है कि काफी समय पूर्व से ही सखुआ के पेड़ों की गुपचुप तरीके से कटाई होते चली आ रही है जिसपर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है. बागान में करोड़ो रुपए मूल्य के सैकड़ों पेड़ लगे हैं जहां से फिलहाल दो से तीन पेड़ों को काटकर गायब कर दिया गया है. ग्रामीणों को संदेह है कि लगातार तेज बारिश में रात के अंधेरे का फायदा उठाकर तस्करों ने ही इसको अंजाम दिया है. उधर सखुआ बागान में पूर्व में कटे हुए पेड़ों के जड़ वाले शेष भाग जो सूखकर अब काले हो चुका है उन्हें देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि पेड़ों की पूर्व से ही यहां कटाई हो रही है. लेकिन सबसे आश्चर्य की बात तो तब है जब उक्त सखुआ बागान से एसएसबी कैंप और थाना की काफी निकट है. इसके बावजूद पेड़ों को असामाजिक तत्व काटकर गायब कर दे रहे हैं यह हैरानी की बात है.
गौरतलब हो कि सखुआ जो कीमती पेड़ों की श्रेणी में आता है और इसका लकड़ी काफी मजबूत होती है जिनसे घर की खिड़की दरवाजों के चौखट सहित अन्य फर्नीजर बनाए जाते हैं, जिनकी धीरे धीरे इनका चोरी हों जाना कई सवालों को जन्म दे रहा है. कादोगांव बाजार के समीप लगा सखुआ बागान एक तरह से पिकनिक स्पॉट जैसा है यहां न्यू ईयर के प्रथम दिन काफी लोग पिकनिक भी मनाने आते हैं और सखुआ बागान का आनंद लेते हैं. मगर, सखुआ बागान पर तस्करों की बुरी नजर लग गई है तो यह एक गंभीर चिंता व जांच का विषय है. वहीं फॉरेस्ट विभाग ने कहा है कि उक्त सखुआ बागान उनके वन क्षेत्र के हिस्से में नहीं आता है.क्या कहती हैं अंचलाधिकारी
पेड़ों की कटाई की सूचना मुझे मिली है और मैंने संबंधित सखुआ बागान की मापी करने हेतु राजस्व कर्मचारी और अंचल अमीन को भेजकर राजस्व अभिलेख से प्राप्त जमीन का ब्योरा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है कि उक्त बागान की जमीन रैयती है या फिर बिहार सरकार की है. अगर जमीन बिहार सरकार की है तो फिर इस मामले में उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.सूचिता कुमारी
अंचलाधिकारी, ठाकुरगंजB
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