Illegal Sand Smuggling: अवैध बालू की ढुलाई में ट्रैक्टरों से लेकर डंपर ट्रक जैसे भारी वाहनों का उपयोग किया जा रहा है. बताया जाता है कि पहले तो शाम ढलने के बाद बालू तस्कर इलाके में सक्रिय हुआ करते थें, लेकिन हाल के दिनों में दिन के उजाले में ही बालू तस्कर ट्रैक्टरों पर बालू लोड कर बेचने का धंधा को खुलेआम कर रहे हैं. बालू के अवैध कारोबारी पिछले कई महीनों में राज्य सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का चूना लगा चुके हैं. राजस्व विभाग पूरी तरह इनपर नियंत्रण पाने में अब तक सफल नहीं हो पाया है. वहीं पुलिस बालू के अवैध खनन मामले में कार्रवाई के लिए खनन विभाग को जिम्मेवार बताकर अपना पल्ला झाड़ रही है. इन इलाकों में होता है अवैध खनन.
Illegal Sand Smuggling: कई नदियों से किया जा रहा अवैध खनन
जिले के पौआखाली में पबना, सीमलबाड़ी, मीरभिट्ठा पुल के समीप, भौलमारा, मखनपुर, सुखानी थानाक्षेत्र में जमुना पूल, बारह पोठिया, साबोडांगी, रसिया साबोडांगी पीएमजीएसवाई रोड के समीप महानंदा नदी से, सूरीभिट्ठा, जियापोखर और गंधर्वडांगा थानाक्षेत्र सीमा में स्थित डोरिया पुल के नीचे से एवं अन्य कई स्थानों से बालू का अवैध खनन होता है. इसके अलावे दिघलबैंक प्रखंड के लक्ष्मीपुर, लौहागाड़ा, बीबीगंज, किशनगंज, ठाकुरगंज, और पोठिया प्रखंड में बालू घाटों में वाहनों की आवाजाही के दौरान टायरों की निशान इसके प्रत्यक्ष सबूत हैं.
Illegal Sand Smuggling: 35 सौ से 45 सौ रूपए प्रति ट्रॉली बिकता है बालू
यहां बता दें कि अवैध खनन कर चांदी काटने वाले बालू तस्करों के द्वारा गुप्त स्थानों पर पहले बालू की डंपिंग की जाती है फिर खरीददारों से प्रति ट्रॉली 35 सौ से लेकर 45 सौ रुपए में बेचा जाता है. यही नहीं बालू तस्कर बंगाल से बालू मंगवाकर लोकल बालू में मिक्सड कर एक ट्रॉली में तीन से चार हजार रुपए तक का सौदा कर मालामाल हो रहे हैं. सफेदपोश और स्थानीय प्रशासन के संरक्षण में यह कारोबार बंगाल से लेकर किशनगंज सहित सीमांचल तक फैला है.
Illegal Sand Smuggling: बालू ढुलाई में शामिल ट्रैक्टर मालिक करते हैं मनमानी
बालू के अवैध ढुलाई में शामिल ट्रैक्टर मालिक और चालक की मनमानी ऐसी कि ये लोग अहले सुबह तीन बजे भोर से लेकर देर रात तक चोरी छिपे खनन करते हैं और तेज रफ्तार से गली मुहल्ले से लेकर भीड़ भाड़ वाली सड़कों पर ट्रॉली को प्लास्टिक से बिना ढके ही दिनभर दौड़ाते रहते हैं. अधिक कमाने की लालच की प्रवृति के चलते बालू तस्कर एक दिन में अधिक से अधिक खनन और बिक्री पर जोड़ देते हैं. ट्रैक्टरों की तेजगति से निर्बाध परिचालन की वजह से ध्वनि प्रदूषण सहित सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है.