केंद्रीय बजट आयकर छूट की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए : पारस जैन

केंद्रीय बजट आयकर छूट की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए : पारस जैन

By Prabhat Khabar News Desk | July 20, 2024 11:54 PM

ठाकुरगंज. केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार 3.0 का पहला आम बजट 23 जुलाई को पेश किया जायेगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में 23 को केंद्रीय बजट पेश करेंगी. इस बजट से सीमांचल के लोगों को भी बड़ी आशाएं हैं. आम जनता उम्मीद कर रही है कि सरकार उन्हें इनकम टैक्स सीमा में राहत देगी. महंगाई कम करने के उपाय करेगी और अग्निवीर जैसी योजना में बदलाव करेगी, ताकि युवाओं में असंतोष कम हो. बजट को लेकर छात्र कौशल अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा की हर जगह बड़ी भूमिका होती है. इसलिए स्कूलों द्वारा ली जानेवाली फीस नियंत्रित होनी चाहिए. निजी स्कूलों में फीस इतनी ज्यादा होती है कि एक आदमी के पास फीस देने के बाद कुछ बचता ही नहीं. उन्होंने कहा कि हमारे देश में सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है. युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार बहुत कुछ कर सकती है. आने वाले बजट में हम उम्मीद करते हैं कि सरकार रोजगार के लिए बहुत सारी योजनाएं लाएगी, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके. किसान राजेश करनानी ने कहा कि बजट कॉमन मैन के लिए होना चाहिए, न कि अपर क्लास के लोगों के लिए. उन्होंने कहा कि महंगाई बहुत बढ़ी हुई है. इस कारण काफी तकलीफ हैं. उन्होंने कहा कि जीएसटी की दरें भी कम होनी चाहिए, जिससे कि व्यापारियों को उसका फायदा हो. साथ ही उन्होंने कहा कि ऑनलाइन खरीददारी से रिटेल व्यापार प्रभावित हो रहा है. इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. छोटे व्यापारियों को बड़ा नुकसान हो रहा है. समाजसेवी कौशल यादव ने कहा कि आने वाले बजट में सरकार को अग्निवीर योजना में संशोधन करना चाहिए. इसका समय बढ़ाया जाए. साथ ही अग्निवीर से रिटायर युवाओं को तुरंत ही दूसरी सरकारी नौकरी मिलने का विकल्प मिले. सिलिंडर में सब्सिडी के बाद भी महिलाओं के घर का बजट गड़बड़ा जाता है. इसलिए गैस के दाम कम किए जाएं. चार्टर्ड एकाउंटेंट पारस जैन ने कहा कि आयकर छूट की सीमा को बढ़ाए जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि व्यापारियों के लिए बड़ी परेशानी धारा-43 जी है. इसका सरलीकरण हो. मेड इन इंडिया में भी कुछ विशेष करें, जिससे कि छोटे-छोटे व्यापारियों को भी उसका लाभ हो और रोजगार के आयाम बढ़ाए जाएं. समाजसेवी खालिक अंसारी ने कहा कि सरकार को पेट्रोल और डीजल को वैट के दायरे से हटाकर जीएसटी में ले आना चाहिए. इससे पेट्रोल-डीजल सस्ते होंगे. साथ ही महंगाई कम करने के लिए दैनिक जीवन में काम आनेवाली चीजों से जीएसटी या तो हटा देनी चाहिए या बहुत कम कर देनी चाहिए.

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