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बढ़ती ठंड और शीतलहर: शिशुओं, गर्भवतियों और रोगियों के लिए विशेष सावधानी की अपील

जिले में शीतलहर का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है. बीते तीन दिनों से सर्द हवाओं और गिरते तापमान ने आम लोगों को घरों में सिमटने पर मजबूर कर दिया है.

स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए निर्देश, सिविल सर्जन और जिलाधिकारी ने दी सतर्क रहने की सलाह

किशनगंज. जिले में शीतलहर का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है. बीते तीन दिनों से सर्द हवाओं और गिरते तापमान ने आम लोगों को घरों में सिमटने पर मजबूर कर दिया है. ऐसे में सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार और जिलाधिकारी विशाल राज ने लोगों से सतर्क रहने और ठंड से बचाव के उपाय अपनाने की अपील की है. स्वास्थ्य विभाग ने खासतौर पर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए विशेष दिशानिर्देश जारी किए हैं.

बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए बढ़ी जिम्मेदारी

ऐसे मौसम में शिशुओं और गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य सबसे अधिक संवेदनशील होता है. उनकी सुरक्षा और देखभाल हर परिवार की प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों, विशेषकर शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को ठंड से सुरक्षित रखना अत्यंत आवश्यक है. नवजात शिशुओं को हमेशा गर्म कपड़ों में ढककर रखें और उन्हें ठंडी हवाओं से बचाएं. गर्भवती महिलाओं को गर्म कपड़े पहनने के साथ-साथ पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करना चाहिए.

पुरानी बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए अलर्ट

हृदय, मधुमेह और सांस की बीमारियों से पीड़ित मरीजों को इस मौसम में अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत है. बाहर जाने से बचें और घर पर ही शारीरिक सक्रियता बनाए रखें.उन्होंने बताया कि ठंड का मौसम गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए जोखिम भरा हो सकता है. ऐसे लोगों को सुबह-शाम घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए. घर में ही हल्के व्यायाम या योग करने से न केवल शरीर सक्रिय रहेगा बल्कि ठंड के प्रकोप से भी बचाव होगा. डॉ. कुमार ने बताया कि हृदय रोगी और मधुमेह के मरीजों के लिए यह मौसम अधिक संवेदनशील है. कोहरा और पछुआ हवा से बचना चाहिए, क्योंकि यह उनकी स्थिति को और खराब कर सकता है.

स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां और अपील

जिलाधिकारी विशाल राज ने जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि ठंड और शीतलहर का प्रभाव कम करने के लिए आवश्यक है कि लोग स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करें और बचाव के उपायों को गंभीरता से अपनाएं. जिले में स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता अभियान शुरू किया है. शहरी और ग्रामीण इलाकों में लोगों को ठंड से बचने के उपायों के प्रति जागरूक किया जा रहा है. आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे घर-घर जाकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं की विशेष निगरानी करें.

ठंड में लापरवाही बन सकती है खतरनाक

सिविल सर्जन ने लोगों से अपील की है कि शीतलहर के इस मौसम को हल्के में न लें. समय पर सावधानी बरतने से न केवल ठंड से जुड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है बल्कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को भी रोका जा सकता है.स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां और जिले में जागरूकता अभियान यह दर्शाते हैं कि प्रशासन ठंड के प्रभाव को कम करने के लिए पूरी तरह से सतर्क है. सिविल सर्जन और जिलाधिकारी ने एकजुट होकर जिलेवासियों से अपील की है कि वे ठंड से बचाव के उपाय अपनाएं और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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