ठाकुरगंज. मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत शनिवार को प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम चलाते हुए हाथ धुलाई, खुले में शौच से होने वाले खतरे एवं सुरक्षित मल का निबटान की जानकारियां दी गयी. इस दौरान उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोथरा, मध्य विद्यालय दोगच्छी के साथ दर्जनों विद्यालयों में नामित फोकल शिक्षकों ने बच्चों को स्वच्छता से जुड़ी जानकारी देते हुए बताया कि स्वच्छता के बिना स्वच्छ जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती. फोकल शिक्षकों ने बताया कि संक्रमण से बचने के लिए हाथ धुलाई आवश्यक है. साबुन से हाथ धोने से डायरिया, दस्त, पीलिया जैसे रोगों से बचा जा सकता है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नियमित तौर पर हाथ धुलाई आवश्यक है. वहीं खुले में शौच के कारण भी संक्रमण फैलने की बात बताई गयी. बाल प्रेरकों, बाल संसद एवं मीना मंच तथा विद्यालय आपदा प्रबंधन के सदस्यों की सक्रियता बनाए रखने पर भी जोर दिया गया है. इस दौरान बताया गया कि घरों में केवल शौचालय का निर्माण मात्र से स्वच्छता नहीं लाया जा सकता. शौचालय का उपयोग करने एवं शौच के बाद हाथों की अच्छी तरह से साफ-सफाई करने घर के साथ आस पड़ोस की साफ-सफाई जरूरी है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोथरा की फोकल शिक्षिका अनुराधा अनुखड़े ने बच्चों को जानकारी देते हुए कहा कि खुले में शौच की वजह से मानव मल पर्यावरण को प्रदूषित करता है. मानव मल से बीमारियों की फैलने की प्रबल संभावना रहती है. खुले में शौच के परिणामस्वरूप अनेक तरफ की बीमारियां तेजी से बढ़ने का खतरा बना रहता है. जरूरत है लोग नियमित रूप से शौचालय का इस्तेमाल करें एवं मानव मल का सही तरीके से निष्पादन करें और समाज में अन्य लोगों को खुले में शौच के प्रति जागरूक करें. ताकि लोग स्वच्छता अपना कर स्वच्छ जीवन जी सकें. कार्यक्रम के दौरान सभी विद्यालयों में बच्चों ने साबुन से हाथ धोने का मॉकड्रिल कराया गया. जबकि स्वच्छता से जुड़े स्लोगन लिखें तख्तियां हाथों में लिए लोगों एवं अन्य छात्रों को जागरूक करते हुए अपने घर आस पड़ोस के लोगों को भी स्वच्छता अपनाते हुए स्वच्छता संकल्प लेने पर जोर दिया.
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