सदर अस्पताल में एनक्वास प्रमाणीकरण के लिए आंतरिक मूल्यांकन से प्रक्रिया को मिलेगी मजबूती

एनक्वास प्रमाणीकरण के लिए आंतरिक मूल्यांकन से मिलेगी मजबूती

By Prabhat Khabar News Desk | May 30, 2024 11:41 PM

फोटो 6 बैठक में शामिल स्वास्थ्य कर्मी.

औक्सिलियारी सेवा मातृत्व सहित 09 मानकों पर समीक्षा बैठक का आयोजन

प्रतिनिधि, किशनगंज

सरकारी अस्पतालों को बेहतर बनाने व उपलब्ध चिकित्सकीय सेवाओं में गुणात्मक सुधार के उद्देश्य से सरकार द्वारा कई कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं. राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एन्क्वास) कार्यक्रम के तहत जिले के सदर अस्पताल में लोगों को बेहतर चिकित्सकीय सहायता प्रदान करते हुए वहां की व्यवस्था को एनक्वास प्रमाणीकरण दिलवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेहतर प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जिलाधिकारी तुषार सिंगला और सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार की दिशा-निर्देश के अनुसार स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध सुविधाओं का अंकेक्षण करते हुए चिह्नित कमियों को दूर किया जा रहा है. इसके लिए लगातार क्षेत्रीय स्तरीय निरीक्षण टीम द्वारा सभी स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण करते हुए वहां मरीजों के लिए उपलब्ध गुणवत्ता आश्वासन मानक की जांच की जा रही है. इसके लिए गुरुवार को क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक कौशर इकबाल एवं पिरामल स्वास्थ्य के डॉ सनोज के द्वारा लगातार निरीक्षण किया जा रहा है. इस दौरान प्रभारी सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ सहनवाज रिजवी ने जिले के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर विश्लेषण के अनुसार स्वास्थ्य केंद्रों पर सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. प्रभारी जिला सलाहकार, गुणवत्ता यकीन पदाधिकारी सुमन सिन्हा ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक को लेकर मिशन 60 दिवस के तहत भी कार्य किया गया है. इस दौरान सदर अस्पताल में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के अनुरूप चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाया जा रहा है. एन्क्वास के मापदंडों के आधार पर खड़ा उतारने को लेकर सभी तरह की तैयारियां चल रही हैं. ताकि किसी प्रकार से कोई कमी नहीं रहे.

स्वास्थ्य संस्थानों के आंतरिक मूल्याकंन प्रक्रिया पर विशेष जोर

क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक कौशर इकबाल ने बताया कि स्वास्थ्य संस्थानों के सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के तहत संस्थानों में उपलब्ध अलग-अलग सुविधाओं की जांच की जाती है. इसमें राज्य व केंद्रीय टीम द्वारा किया जाने वाले अनुश्रवण बेहद महत्वपूर्ण होता है. इसमें बेहतर प्रदर्शन के लिए पूर्व तैयारी जरूरी है. ताकि मूल्यांकन प्रक्रिया में बेहतर अंक प्राप्त किया जा सके. इसे लेकर स्वास्थ्य संस्थानों के आंतरिक मूल्याकंन प्रक्रिया पर विशेष जोर दिया जा रहा है. ताकि समय रहते मौजूदा कमियों का पता लगाते हुए इसे दूर किया जा सके.

औक्सिलियारी सेवा मातृत्व सहित 09 मानकों की बैठक में की गयी समीक्षा

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल के लक्ष्य प्रमाणीकरण के बाद एनक्यूएएस के राष्ट्रीय प्रमाणीकरण पर जोर दिया जा रहा है. इसके एसएनसीयू, एनआरसी, पिपियु, ब्लड बैंक, प्रयोगशाला सेवा, सामान्य प्रशासन एवं औक्सिलियारी सेवा मातृत्व सहित 09 मानकों पर समीक्षा बैठक की गयी है. सदर अस्पताल लक्ष्य और कायाकल्प में लगातार बेहतर प्रदर्शन करता रहा है. अब नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) के पैमाने पर भी खरा उतरेगा. इसे लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है. एनक्वास के पैमाने पर खरा उतरने के लिए सदर अस्पताल में किस तरह की तैयारी करनी है. इसे लेकर साप्ताहिक समीक्षा बैठक आयोजित की गयी. उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं, एडमिन, ओटी, लेबर रूम इत्यादि में और क्या बेहतर हो सकता है, उन्होंने बताया की सदर अस्पताल में बहुत सारी चीजें ठीक हैं. यहां मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं. हालांकि इसके बावजूद सुधार की कुछ गुंजाइश है, जिस पर लगातार कार्य किया जा रहा है. ओपीडी, ओटी, लेबर रूम इत्यादि पहले से ही बेहतर काम कर रहा है. इसका परिणाम भी सामने आ चुका है. जटिल से जटिल रोगों का यहां पर इलाज हो रहा है. जिले के मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ रहा है और न ही निजी अस्पतालों का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है. सिजेरियन, एक्सरे, किडनी मरीजों के लिए डायलिसिस तक की सुविधा यहां पर है. इन सुविधाओं का लाभ आसपास के जिले के लोग भी उठा रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि जल्द ही सदर अस्पताल एनक्वास के पैमाने पर भी खरा उतरेगा और यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा मिलेगी.

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बाक्स में

एनक्यूएएस चेकलिस्ट के अनुसार किया जाएगा निरीक्षण

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार ने बताया की निरीक्षण कार्य के दौरान ने जांच घर की व्यवस्था, उपकरणों की उपलब्धता तथा उसके क्रियाशील होने की जानकारी ली जायेगी. इस दौरान टीम ने गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच, गर्भवती के आवश्यक टीकाकरण तथा इसकी उपलब्धता को समझा जायेगा. परिवार नियोजन की स्थायी और अस्थायी साधनों सहित लाभुक को दिये जाने वाले अंतरा इंजेक्शन. दवा के रखरखाव तथा वितरण की जानकारी लेते हुए संधारण रजिस्टर की जांच, टीकाकरण के लिए वैक्सीन करियर एवं इसके साथ जेनरल क्लिनिक में मरीजों को दी जाने वाली पर्ची सहित सामान्य प्रशासन का निरीक्षण किया जाना है, जिसके लिए सभी विभागों को तैयार किया जा रहा है.

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