सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड को बैंक खाते से जोड़ना अनिवार्य
सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड को बैंक खाते से जोड़ना, जिसे आधार सीडिंग कहा जाता है, अब अनिवार्य हो गया है. इस आदेश के बाद सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के इच्छुक लाभार्थियों को बैंक से बैरंग वापस लोटाया जा रहा है.
ठाकुरगंज. सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड को बैंक खाते से जोड़ना, जिसे आधार सीडिंग कहा जाता है, अब अनिवार्य हो गया है. इस आदेश के बाद सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के इच्दुक लाभार्थियों को बैंक से बैरंग वापस लोटाया जा रहा है. जिससे आधार सीडिंग करवाने में खाताधारकों को पापड़ बेलने पड़ रहे हैं.
बताते चले शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का आधार बैंक खाते से सीडिंग कराना अनिवार्य कर दिया है. बच्चों को छात्रवृति, पोशाक व नैपकिन समेत सभी तरह के लाभ लेने के लिए आधार बैंक खाता सीडिंग जरूरी हो गया है. सरकार के नए आदेश के बाद बैंक खाते का बिना आधार सीडिंग हुए विभिन्न लाभुक योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा. बताते चले 75 फीसदी उपस्थिति के आधार पर बच्चों को मिलने वाली लाभुक योजनाओं को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक सह डीबीटी नोडल अधिकारी ने सात जनवरी को ही इस संबंध में पत्र लिखकर निर्देश दिया था. इसके बाद जिला स्तर से जिले के प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक एवं अनुदानित सभी विद्यालयों प्रधानाध्यापकों को पत्र लिखकर इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.दरअसल, बहुत सारे बच्चों का आधार बैंक खाता से सीडिंग नहीं है. सनद रहे सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए इस साल से ई-शिक्षाकोष पोर्टल को माध्यम बनाया गया है. इससे पहले मेधासॉफ्ट पोर्टल के माध्यम से बच्चों को लाभुक आधारित योजना का लाभ मिलता था. बहरहाल, बच्चों की 75 फीसदी उपस्थिति की रिपोर्ट पिछले माह ई-शिक्षाकोष पर मांगी गई थी. ई-शिक्षा कोष पर दिए गए उपस्थिति के आंकड़ों से बैंक खाते का सत्यापन राज्य स्तर पर किया गया है. जिसके बाद यह मामला सामने आया है कि बहुत सारे बच्चों का बैंक खाता उनके आधार से सीडिंग नहीं है.
हाईस्कूल के बच्चों के खुद के खाते में जाती है राशि
बताते चले जिले में करीब लाख बच्चों का सरकारी विद्यालयों में नामांकन है. हाईस्कूल सह इंटर कॉलेज के बच्चों का अपना बैंक खाता है. जबकि मिडिल और प्राइमरी स्कूल के बच्चों का अपने अभिभावक के साथ संयुक्त या खुद का बैंक खाता है. जबकि बाकी बच्चों के अभिभावकों के ही बैंक खाते को ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर इंट्री की गई है. जबकि हाईस्कूल व प्लस 2 के बच्चों के अपने नाम के बैंक खाते की इंट्री हुई है. जिनमें योजनाओं की राशि भेजी जाएगी. प्राइमरी-मिडिल के बच्चों की अभिभावकों के खाते में या उनके खुद के खाते राशि भेजी जाएगी.
क्यों लागू करनी पड़ी यह योजना
बताते चले केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों ने लाभुक आधारित योजनाओं का लाभ सीधे लाभुक के खाते में भेज रही है. इसमें किसी तरह का कोई फर्जीवाड़ा न हो, इसे लेकर अब बैंक खाते को आधार से सीडिंग करवाया जा रहा है. सरकार ने बच्चों के आधार को भी उनके बैंक खाते से साीडिंग कराने के बाद ही योजनाओं का लाभ देने का फैसला लिया है. ताकि इसमें हो रहे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी. विभाग ने बच्चों के दोहरे नामांकन पर रोक लगाने और सरकारी स्कूल में पढ़ रहे सही बच्चों को ही लाभ देने का फैसला लिया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है