ठाकुरगंज. प्रगति यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को ठाकुरगंज प्रखंड के पटेसरी पंचायत के वार्ड पांच स्थित कटहलडांगी गांव पहुंचे. अपने कार्यक्रम के निर्धारित समय से 3 घंटा 20 मिनट विलंब से पहुंचे सीएम ने विभिन्न विभागों की ओर से लगाये गये स्टॉल का निरीक्षण किया. कटहलडांगी में लगभग आधे घंटे रुक कर सीएम ने प्रगति के पथ पर अग्रसर ठाकुरगंज के संदर्भ में जानकारी ली. इस दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, जीविका, सामाजिक सुरक्षा कोषांग और अल्पसंख्यक विकास विभाग के स्टॉल का बारीकी से निरीक्षण किया. सभी स्टॉल पर संबंधित विभागों के पदाधिकारी मौजूद थे.
लाभुकों को दिया सांकेतिक चेक
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक मुस्लिम परित्यक्ता या तलाकशुदा महिलाओं, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के लाभुकों को सांकेतिक चेक दिया. वहीं अल्पसंख्यक उद्यमी योजना के लाभुकों से उनके द्वारा उत्पादित सामग्री की जानकारी ली. मुख्यमंत्री श्रम शक्ति योजना के लाभार्थियों से भी बात की. मुख्यमंत्री ने अभियान बसेरा अंतर्गत सरकारी भूमि की बंदोबस्ती का प्रमाणपत्र भी सौंपा. वहीं राज्य संपोषित मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना की चाबी लाभुकों को सौंपी. कार्यक्रम में मौजूद दिव्यांगजनों को ट्राइ साइकिल की चाबी सौंपी.
कई योजनाओं का रिमोट से किया उद्घाटन
किशनगंज जिला अंतर्गत जीविका संगठन कार्यालय, आधे दर्जन मवेशी आश्रय स्थल का शिलान्यास सीएम ने किया. इसके साथ ही पटेसरी पंचायत में बने सार्वजनिक शौचालय, आंगनबाड़ी केंद्र भवन का उद्घाटन किया. इस दौरान पंचायत की ओर से निर्मित तालाब का अवलोकन किया.प्रस्तावित बाइपास का किया स्थलीय निरीक्षण
प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने ठाकुरगंज की बहुप्रतीक्षित मांग प्रस्तावित बाइपास का स्थलीय निरीक्षण किया. बताया जा रहा है कि यह बाइपास 4.5 किलोमीटर लंबा होगा. इसकी अनुमानित लागत 15 करोड़ रुपये है. यह बाइपास ठाकुरगंज प्रखंड के कटहलडांगी से निकल कर कनकपुर पंचायत के ईदगाह होते हुए एनएच 327 ई पर धर्मकांटा तक जाएगी. दस पुल पुलियों वाले इस पथ की चौड़ाई 10 मीटर होगी.जीविका दीदियाें से सीएम ने किया संवाद
प्रगति यात्रा के तीसरे चरण में ठाकुरगंज पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटेसरी पंचायत के कटहलडांगी में जीविका दीदियों से संवाद किया और उनके काम की जमकर प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि बिहार में महिला सशक्तीकरण की सबसे बड़ी उदाहरण जीविका दीदियां हैं. इनके योगदान से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक बदलाव हुआ है. बताते चलें 2005 में जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और उनकी सरकार ने काम शुरू किया था, तब सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) की संख्या बेहद कम थी. उन्होंने विश्व बैंक से कर्ज लेकर एसएचजी का विस्तार शुरू किया. वर्तमान में बिहार में 10 लाख 61 हजार एसएचजी हैं, जिनसे एक करोड़ 35 लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं. एसएचजी से जुड़ी महिलाओं को ‘जीविका दीदी’ का नाम दिया. यह नाम इतना प्रभावी रहा कि केंद्र सरकार ने इसे अपनाते हुए इसे ‘आजीविका’ का नाम दिया. यह सर्विदित है की जीविका दीदियों की बदौलत महिलाओं की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार हुआ है. उनकी आत्मनिर्भरता बढ़ी है और उनका आत्मविश्वास और सामाजिक कौशल भी विकसित हुआ है.जनता ने दिया धन्यवाद
यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री के साथ जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज सिंह विधायक सऊद आलम, पूर्व विधायक नौशाद आलम और गोपाल अग्रवाल, ठाकुरगंज नगर पंचायत अध्यक्ष सिकंदर पटेल और पटेसरी पंचायत की मुखिया निखत परवीन मौजूद थी. मौके पर एनडीए कार्यकर्ताओं ने सीएम का भव्य स्वागत किया. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को देखने आये लोगों ने ठाकुरगंज को बाइपास का उपहार देने पर सीएम को बधाई दी.
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