लूज टाइमिंग के कारण कंचनकन्या के यात्री परेशान
एक ही ट्रेन अप और डाउन की एक सामान दूरी एक घंटे के अंतर से पूरी करती है. बात अलीपुरद्वार से सियालदह के बीच चलने वाली 13149 / 13150 कंचनकन्या एक्सप्रेस की हो रही है.
अप और डाउन की एक सामान दुरी तय करने में एक घंटे का अंतर अलीपुरद्वार से सियालदह आने में 17 घंटा तो वापसी में 16 घंटे में पूरी करती है दूरी ठाकुरगंज. रेलवे की महिमा अपरंपार है. एक ही ट्रेन अप और डाउन की एक सामान दूरी एक घंटे के अंतर से पूरी करती है. बात अलीपुरद्वार से सियालदह के बीच चलने वाली 13149 / 13150 कंचनकन्या एक्सप्रेस की हो रही है. अलीपुरद्वार से सियालदह अपनी 753 किमी की दूरी यह ट्रेन 17 घंटा में पूरी करती है तो यही ट्रेन वापसी में इसी दूरी को पूरा करने में 16 घंटे का समय लेती है. अब लोगो के जेहन में यह सवाल कोंध रहा है की आखिर एक ट्रेन के ही परिचालन में यह फर्क क्यों. कंचनकन्या एक्सप्रेस न्यू माल जक्शन से सिलीगुड़ी 47 किमी की दूरी 145 मिनट में करती है तय अलीपुरद्वार से खुलने वाली कंचनकन्या एक्सप्रेस अलीपुरद्वार से सियालदाह के बीच कई जगहों पर काफी कम दुरी पूरी करने के लिए घंटो का समय लेती है. न्यू माल से सिलीगुड़ी तक की 47 किमी की दुरी पूरी करने के लिए रेलवे ने 145 समय निर्धारित किया है जबकि सिलीगुड़ी से ठाकुरगंज की 57 किमी की दूरी यही ट्रेन 64 मिनट में पूरी करती है. बात केवल यही नहीं रूकती भालुका रोड से मालदा तक के 46 किमी कि दूरि यही ट्रेन 71 मिनट में पूरी करती है वही यात्रियों की परेशानी तो तब बढ़ जाती है बर्धमान से कमरकुंडु तक के बीच के 62 किमी की दुरी केवल 44 मिनट में यही ट्रेन पूरी करती है लेकिन कमरकुंडु के बाद तो यह ट्रेन पैसेंजर ट्रेन की स्पीड से बढ़ती है. वहां से दक्षिणेश्वर के 27 किमी की दूरी पूरी करने में 84 मिनट का समय लेते हुए यह ट्रेन बिधाननगर से सियालदाह के 4 किमी की दुरी पूरा करने में 24 मिनट लगाती है. अब सवाल उठता है की आखिर एक ट्रेन के टाइम टेबल बनाने में इतना फर्क क्यों. लूज टाइमिंग के कारण यात्री हो रहे परेशान बताते चले रेलवे ने रास्ते में लेट हो जाने वाली ट्रेनों को समय पर गंतव्य तक पहुंचाने के लिए लूज टाइमिंग का नुस्खा अपनाया है. रास्ते में बार बार लेट होने वाली ट्रेनों के अंतिम दो स्टेशनों के बीच समय का अंतराल रखकर गंतवय पर उसकी टाइमिंग ठीक की जा रही है. लूज टाइमिंग के कारण ट्रेनों को हजार किमी के सफर में दो घंटे तक का अधिक समय लग रहा है.रेलवे के इस फंडे से रेलवे द्वारा ट्रेनों में लूज टाइमिंग लिए जाने से विलम्ब से चलने वाली ट्रेने भले ज्यादा समय इ रही है लेकिन अंतिम स्टेशन पर समय से पहले पहुंच जा रही है. लूज टाइमिंग नहीं हो तो दो घंटा पहले सियालदाह पहुंचेगी कंचनकन्या एक्सप्रेस अलीपुरद्वार से सियालदाह के बीच चलने वाले कंचनकन्या एक्सप्रेस के यात्री भी इसी लूज टाइमिंग के शिकार है. चाहे बात न्यूमाल जक्शन से सिलीगुड़ी के बीच की हो या हरिसचंद्रपुर से मालदा के बीच की 55 किमी की दूरी या बर्धमान से सियालदाह के बीच की दूरी यदि लूज टाइमिंग नहीं हो तो यह ट्रेन दो घंटे ज्यादा अपने गणत्व पहुंचेगी.
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