भूकंप के सर्वाधिक खतरनाक सिस्मिक ज़ोन-5 में है किशनगंज

नेपाल सीमा से सटे बिहार के आठ जिलों पर भूकंप का सर्वाधिक खतरा है. जिसमे किशनगंज जिला भी शामिल है. भूगर्भशास्त्र के जानकारों की माने तो नेपाल की तराई से सटे किशनगंज जिले में भूकंप आने और उसके बाद होने वाले नुकसान की संभावना सबसे प्रबल है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 13, 2024 6:30 PM

किशनगंज. नेपाल सीमा से सटे बिहार के आठ जिलों पर भूकंप का सर्वाधिक खतरा है. जिसमे किशनगंज जिला भी शामिल है. भूगर्भशास्त्र के जानकारों की माने तो नेपाल की तराई से सटे किशनगंज जिले में भूकंप आने और उसके बाद होने वाले नुकसान की संभावना सबसे प्रबल है. क्योंकि ये भूकंप के सर्वाधिक खतरनाक सिस्मिक जोन 05 में अंकित है. जहां रिक्टर स्केल 08 या उससे भी अधिक तीव्रता के भूकंप आ सकतें हैं. साल 2015 में कुछ समय के अंतराल पर करीब आधा दर्जन बार जिले की धरती हिली और पड़ोसी देश नेपाल की राजधानी भूकंप के झटकों से पूरी तरह तबाह हो गया था. फिर साल 2016 में भी धरती के झटकों ने लोगों को दहला दिया था. फिर साल 2018 में एक बार यहां की धरती कांप चुकी है.

नेपाल से सटे बिहार के सभी जिले डेंजर समूह में

किशनगंज, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी सहित उत्तर बिहार के सभी जिले भूकंप के सर्वाधिक खतरनाक जोन में शामिल हैं. सिस्मिक जोनिंग मैपिंग में भूकंप के संभावना को 4 स्तरों में विभाजित किया है. जोन 4 और 5 ऐसा क्षेत्र है जहां भूकंप आने की आशंका सबसे ज्यादा है और किशनगंज जिला इसी जोन के तहत आता है.भूकंप रोधी भवन निर्माण पर देना होगा जोर विशेषज्ञ बतातें है कि रेट्रोफिटिंग के द्वारा यहां पुराने मकानों आपदा रोधी, भूकंप रोधी बनाया जा सकता है. नए मकानों का निर्माण भूकंप रोधी तरीके से होना चाहिए. जर्जर भवनों का सर्वे होना नितांत आवश्यक है.

क्या करें

भूकंप या कोई भी प्राकृतिक आपदा बता कर नहीं आती. ऐसे समय में एकदम से समझ नहीं आता क्या किया जाए लेकिन जानकारी सुझ-बुझ से ऐसे हालातों से निबटा जा सकता है. मकान, दफ्तर या किसी भी इमारत में अगर आप मौजूद हैं तो वहां से बाहर निकलकर खुले में आ जाए . खुले मैदान की ओर भागें.भूकंप के दौरान खुले मैदान से ज्यादा सेफ जगह कोई नहीं होती.

किसी बिल्डिंग के आसपास न खड़े हों

अगर आप ऐसी बिल्डिंग में हैं,जहां लिफ्ट हो तो लिफ्ट का इस्तेमाल कतई न करें. ऐसी स्थिति में सीढ़ियों का इस्तेमाल ही सुरक्षित होता है. घर के दरवाजे और खिड़की को खुला रखें.

घर की सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें.अगर बिल्डिंग बहुत ऊंची हो और तुरंत उतर पाना मुमकिन न हो तो बिल्डिंग में मौजूद किसी मेज, ऊंची चौकी या बेड के नीचे छिप जाएं. भूकंप के दौरान लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं. ऐसे में स्थिति और बुरी हो सकती है.

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