किशनगंज.नेपाल और पश्चिम बंगाल के मुहाने पर अवस्थित किशनगंज लोकसभा संसदीय क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है.यहां किसी भी हवा,मैजिक और सुनामी का कोई असर नहीं दिखता है.तभी तो 2019 के आम चुनाव में बिहार के 39 सीटों पर भाजपा एनडीए को मिली अभूतपूर्व सफलता के वावजूद विपरीत परिस्थितियों में भी एक मात्र किशनगंज सीट ही कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित हुई थी.और इस बार तो कांग्रेस महागठबंधन के उम्मीदवार डा मो जावेद आज़ाद ने लगातार दूसरी बार विजय पताका फहराकर चुनावी विश्लेषकों के अनुमान को धत्ता बताकर जीत का परचम लहरा दिया. जिले की जनता हमेशा कांग्रेस पर मेहरबान रही है.यहां दूसरे चरण में हुए चुनाव में प्रचार के लिये कम समय के बावजूद उन्होंने कम समय मे भी पूरे संसदीय क्षेत्र को कवर करने में सफल रहे.कांग्रेस के परंपरागत गढ़ किशनगंज में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर डॉ मो जावेद आज़ाद की जीत ने उनका सियासी कद बहुत बढ़ा दिया है.श्री आज़ाद की पार्टी और सियासत में भूमिका काफी अहम बना दी है.क्योंकि इस बार पूरे देश में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर हुआ है.
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