ठाकुरगंज.ठाकुरगंज अंचल में हजारों जमाबंदी लॉक रहने से भू-स्वामी परेशान हैं. अपनी जमाबंदी खुलवाने के लिए ये भू स्वामी अंचल कार्यालय के साथ ही भूमि सुधार उपसमाहर्ता कार्यालय का चक्कर काटने को मजबूर हैं. भू-स्वामियों को भूमि सुधार उपसमाहर्ता के स्तर पर मामला अटके होने की बात बताई जा रही है. भूमि सुधार उपसमाहर्ता के कार्यालय में बड़ी संख्या में एसे मामले पेंडिंग रहने की बात अंचल सूत्रों ने बताई. और इस कारण भूस्वामियों की जमाबंदी कायम नहीं हो पा रही है.
न तो आधार सीडिंग हो रही न ही जमाबंदी में सुधार
भूस्वामियों ने बताया कि डीसीएलआर कार्यालय के कर्मी इस मामले में घुमाने वाली बात कहते है. वे कहते है यह लॉक राजधानी पटना से लगा है. भूस्वामियों का कहना है कि उनकी पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है. जमाबंदी लॉक होने से न तो आधार सीडिंग हो पा रही है और न ही जमाबंदी में सुधार हो पा रहा है.
एक गलती से लॉक हुई जमाबंदी
बताते चले 2018 में जमाबंदी का डिजिटलाइजेशन का कार्य शुरू हुआ था. प्रथम चरण में टेक्नीशीयन्स ने जमाबंदी को डिजिटलाइज किया. द्वितीय चरण में इसे अपलोड कर जमाबंदी की जांच मूल रजिस्टर से राजस्व कर्मचारी, आरओ और सीओ को करके सत्यापन के लिए डीसीएलआर के समक्ष उपस्थित करना था. जिन जमाबंदियों का सत्यापन डीसीएलआर के स्तर से नहीं हुआ, उन सभी जमाबंदियों को लॉक कर दिया गया.क्या कहते है अंचलाधिकारी
इस मामले में ठाकुरगंज सीओ सुचिता कुमारी ने बताया की लोगो के द्वारा जब भी जमाबंदी लॉक को लेकर आवेदन दिया जाता है , अंचल के कर्मचारियों द्वारा सम्पूर्ण कागजातों के साथ जिला भेज दिया जाता है. उन्होंने बताया की पिछले दिनों आम लोगो के आवेदन के आधार पर कई जमाबंदी का लॉक खोला गया है.
भूमि सुधार उपसमाहर्ता : वहीं डीसीएलआर शिव शंकर पासवान ने बताया कि संपूर्ण कागजातों के साथ आने वाले लॉक जमाबंदी के मामले निष्पादित कर दिए जाते है. अधूरे कागजातों को लेकर ही देरी होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है