रेल गेट जाम में फंसी अंतिम यात्रा
ठाकुरगंज रेलगेट पर सोमवार को लगा लंबा जाम में महानंदा घाट जा रही शव यात्रा भी फंस गयी
जाम की स्थिति बनती है इसलिए ओवरब्रिज जरूरी
ठाकुरगंज शहर की आबादी करीब 20 हजार हैं. वही प्रखंड मुख्यालय होने के कारण सारे प्रखंड के हजारो लोग प्रतिदिन ठाकुरगंज शहर में आते है शहर में ही रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड हैं. नगर में एक मात्र क्रोसिंग होने के कारण रेलवे लाइन पर बने फाटक पार करने पड़ते हैं. ऐसे में ठाकुरगंज शहर में मौजूद क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज की जरुरत हे सबसे ज्यादा बुरा हाल तो सोमवार और शुक्रवार के दिन होता है जब हाट बाजार के लिए देहात के लोग ठाकुरगंज आते है.
ट्रेन आने के बाद 15 से 20 मिनट तक इंतजार
ट्रेन आने पर दिन में कई बार रेलवे फाटक के दोनों ओर लोगों को खड़ा होकर इंतजार करना पड़ता है. रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज बनाने की मांग लगातार की जा रही है. शहर सहित आसपास गांव के ग्रामीण भी यहां ओवरब्रिज चाह रहे हैं. ठाकुरगंज रेल यात्री संघ सहित कई व्यापारी संघठनो ने ओवरब्रिज की मांग को लेकर कई बार प्रशासन एवं रेलवे विभाग को आवेदन सौंपे है. कुछ साल पहले पीडब्ल्यूडी की ओर से ओवरब्रिज का प्रस्ताव बनाकर राज्य शासन को भेजा गया था. क्या हुआ, कोई नहीं जानता.
जाम की स्थिति से रूबरू हुए सीआरएस
वही जांच के दौरान गेट बंद होने और दोनों तरफ लगे लंबे जाम की समस्या से स्वय सीआरएस रूबरू हुए और कई देरस्थल पर रुक कर हालात का आकलन करने के बाद साथ चल रहे कोर्डिनेशन ऑफिसर संग मंडल रेल प्रबंधक को रोड ओवर ब्रिज की संभावनाओं पर विचार का दिया निर्देश दिया. इस दौरान उन्होंने कहा की धीरे धीरे ट्रेने बढ़ेगी तो आम नागरिकों को और समस्या होगी. जिसका निराकरण होना चाहिए.
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