सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने रजिस्ट्री ऑफिस की रौनक लौटा
रजिस्ट्री ऑफिस में लोटी रौनक
ठाकुरगंज सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर निबंधन कार्यालयों में रौनक लौट आई है. मंगलवार से शुरू हुई रजिस्ट्री के बाद प्रत्येक दिन आंकड़ा बढ़ रहा है. इन चार दिनों में 21 मई को 39, 22 मई को 65, 24 मई को 70 लोगों ने ठाकुरगंज निबंधन कार्यालय से रजिस्ट्री करवायी. जबकि इसके पूर्व के दिनों की बात करे तो 15 मई को 12, 16 मई को 16, 18 मई को 12 तो 20 मई को केवल 5 लोगों ने रजिस्ट्री करवायी गयी.
बताते चले सुप्रीम कोर्ट ने जबसे पुराने नियम के अनुसार निबंधन करने का आदेश दिया है. उसके बाद से निबंधन कार्यालय में रौनक लोटी है. बताते चले अब भू-धारक अपने पूर्वजों के नाम से जमाबंदी किए जमीन का भी निबंधन कर सकते है. वही इस मामले में रजिस्ट्री ऑफिस में कार्यरत कातिबों ने बताया कि पुराने नियम के लागू होने से भूमि निबंधन की संख्या में बढ़ोतरी होगी. इससे राजस्व में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.22 फरवरी को हाई कोर्ट ने लगायी थी रोक
बढ़ते भूमि विवाद के कारण आय था नया नियम
बिहार सरकार ने जमीन विवाद में होने वाली लड़ाई-झगड़े को रोकने के लिए 10 अक्तूबर 2019 को नए नियम को लागू किया था. नए नियम के तहत जिनके नाम से जमाबंदी होगी, वही अपनी जमीन की बिक्री कर सकते थे. इसके खिलाफ कई लोगों ने हाई कोर्ट का शरण लिया. लेकिन हाईकोर्ट ने 25 अक्तूबर 2019 को सरकार के फैसले पर रोक लगा दी. तबसे यह मामला चलता आया. 9 फरवरी 2024 को हाई कोर्ट ने सरकार के फैसले को सही बताते हुए लोगों का याचिका खारिज कर दिया. 22 फरवरी 2024 से जिनके नाम से जमाबंदी है. वही जमीन की बिक्री करने के नए नियम को लागू कर दिया गया था. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. न्यायमूर्ति एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की खंडपीठ ने पुराने नियम पर जमीन रजिस्ट्री करने का आदेश को सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट के जारी आदेश के बाद कातिब से लेकर आम लोगों तक में खुशी का माहौल है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है