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किशनगंज-तैयबपुर-ठाकुरगंज पथ पर बढ़ा यातायात का दवाब, हो रहे सड़क हादसों में कई लोग गवां चुके हैं जान

किशनगंज- तैयबपुर - ठाकुरगंज पथ पर हादसों का क्रम लगातार बढ़ता जा रहा है. हादसों की मुख्य वजह मार्ग का चौड़ा न होना है.

केटीटीजे सड़क को फोरलेन किये जाने की मांग

किशनगंज.किशनगंज- तैयबपुर – ठाकुरगंज पथ पर हादसों का क्रम लगातार बढ़ता जा रहा है. हादसों की मुख्य वजह मार्ग का चौड़ा न होना है. इस सड़क पर तेजी से बढ़ रहे हादसों को देखते हुए क्षेत्र के लोगों ने एक बार फिर इस मार्ग के चौड़ीकरण की मांग सरकार से की है. क्षेत्र के लोग लंबे समय से इसकी मांग उठाते आए हैं लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा रहा है. बता दे वर्षो पूर्व बनी इस सड़क पर वाहनों का परिचालन काफी बढ़ा है लेकिन सड़क अब भी टू लेन ही है. स्थानीय लोगों ने कहा कि टू लेन रूट होने की वजह से इसपर वाहनों का अधिक दबाव है, जिससे हादसे बढ़ते जा रहें हैं. यदि मार्ग चार लेन का होगा तो निश्चित ही सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी आएगी.

जिला मुख्यालय को सीधा नेपाल से जोड़ता है यह मार्ग

जिला मुख्यालय से सीमा पार नेपाल के जिला मुख्यालय जाना हो या नेपाल के समीपवर्ती हवाई अड्डे चन्द्रगढ़ी यही एक मात्र मार्ग है. ठाकुरगंज से किशनगंज तक की लगभग 50 किमी की दूरी है.

सड़क किनारे कई जगह बसी है आबादी

किशनगंज से ठाकुरगंज के 50 किमी के दायरे में लगभग एक दर्जन ऐसे स्थल है जहां सड़क के किनारे बस्तियां बस गई है . सड़क किनारे बस्तियां बसने से सड़क पर ही मवेशी बाँध दिए जाते है वही सड़क पर ही बच्चे खेलने लगते है जो दुर्घटना का कारण बनते हैं.

सड़क किनारे लगती है हाट

केटीटीजे सड़क के किनारे न सिर्फ बड़ी संख्या में आबादी बसी है बल्कि कई हाट व बाजार भी इस तरह संचालित होते है की वहां सड़क और बाजार के बीच दुविधा पैदा हो जाती है. बेलवा, छतरगाछ , चिचुआबाड़ी, गौरीहाट, तैयबपुर जैसे बाजार पूरी तरह सड़क पर लगने लगा है.शाम के वक्त इन जगहों पर इतनी भीड़ जमा हो जाती है की आवागमन तक बाधित हो जाता है.

सड़क की कम चौड़ाई दुर्घटना का कारण

केटीटीजे सड़क की कम चौड़ाई इस सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं का बड़ा कारण माना जा रहा है. केवल इस वर्ष जनवरी से अगस्त तक इस सड़क पर डेढ़ दर्जन मौतें हुई हैं और दर्जनों घायल हुए हैं. आंकड़ों पर एक नजर डाले तो 14 जनवरी को ठाकुरगंज-किशनगंज सड़क स्थित डांगीबस्ती मजार के निकट सड़क हादसे में ठाकुरगंज के सचिन यादव (20 वर्ष) तथा मोहन पासवान (25 वर्ष) की मौत बालू से लदे ट्रैक्टर के नीचे आने से हो गई थी. 17 मार्च को किशनगंज-ठाकुरगंज सड़क स्थित अर्राबाड़ी में भोटाथाना गांव निवासी शाहनाज बेगम (45 वर्ष) की मौत बाइक के दुर्घटनाग्रस्त होने से हो गई थी. इसी सड़क पर खरखरी के निकट 04 अप्रैल को एक और दर्दनाक सड़क दुर्घटना हुई जिसमें एक साथ तीन लोगों की जाने चलीं गयीं,जिसमें केशोरझाड़ा निवासी मो रफीक 42 वर्ष, मोहसन 50 वर्ष तथा जमशेद 55 वर्ष मरने वालों में शामिल थे. 06 अप्रैल को गौरीहाट के निकट गलगलियापुल निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक अब्दुल सकुर (75 वर्ष) की मौत बेलोरो ओर बाइक की सीधी टक्कर से हो गई थी. 15 मई को पानीसाल गांव निवासी मो अजित 60 की मौत किशनगंज – ठाकुरगंज सड़क पर बाइक के पेड़ से टकरा जाने से हो गई थी. 04 जुलाई इसी सड़क पर धुमनियां विद्यालय के निकट भीषण सड़क हादसे में एक साथ फिर तीन लोगों की मौत अनाज से लदे ट्रक से कुचल कर हो गई थी. हादसे में नाहिदा बेगम (25 वर्ष), नाहिदा की एक वर्षीय पुत्री नुराम बेगम तथा नाहिदा की बहन सबीनाज (12 वर्ष) की मृत्यु इलाज के लिए ले जाने के क्रम में रास्ते में तीनों ने बारी- बारी से दम तोड़ दिया था. 23 जुलाई को इसी सड़क पर अर्राबाड़ी निवासी मो अयूब (55वष) की मौत ट्रक से कुचल कर 12 अगस्त को किशनगंज – ठाकुरगंज सड़क स्थित कोल्था कब्रिस्तान के निकट बकरी को बचाने के क्रम में बाइक के पीछे सवार शिक्षक की 37 वर्षीय पत्नी की मौत बीच सड़क पर गिरने की वजह से हो गई थी. 20 अगस्त को किशनगंज- ठाकुरगंज सड़क स्थित पांचगछी बड़ा सुहागी गांव के निकट स्थित सड़क पर एक अज्ञात महिला का शव मिला था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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