किशनगंज/ ठाकुरगंज. कई ट्रेनों को ठाकुरगंज सिलीगुड़ी रेलखंड होकर डायवर्ट कर दिए जाने के बाद इस रेलखंड के यात्रियों की मुसीबत सोमवार को बढ़ गई. मेन लाइन की ट्रेनों के ठाकुरगंज होकर डायवर्ट किये जाने के बाद सिलीगुड़ी – ठाकुरगंज – अलुआबाड़ी रोड रेलखंड की मूल ट्रेने विलंब से चली. सिंगल लाइन होने के कारण क्रोसिंग के कारण ट्रेने विभिन्न स्टेशन पर रोक दी जाती रही. नियत समय पर सुबह 5 ; 40 पर जोगबनी से खुली जोगबनी सिलीगुड़ी इंटर सिटी एक्सप्रेस कटिहार तक एक घंटे लेट चली उसके बाद इस ट्रेन को विलम्ब किया गया और लगभग छह घंटे विलम्ब से यह ट्रेन ठाकुरगंज पहुंची. यही हाल दिल्ली से आ रही सिक्किम महानन्दा एक्सप्रेस का रहा कटिहार से एक घंटा लेट चली यह ट्रेन ठाकुरगंज चार घंटा से भी ज्यादा लेट से पहुंची. वही दिल्ली जाने वाली सिक्किम महानंदा 15483 महानंदा एक्सप्रेस सिलीगुड़ी से नियत समय पर खुली लेकिन ठाकुरगंज लगभग डेढ़ घंटे लेट पहुंची. यही हाल पटना जाने वाली कैपिटल एक्सप्रेस का हुआ.
डाइवर्ट ट्रेने भी हुई लेट
सोमवार को डाइवर्ट की गई ट्रेने घंटो लेट से चली. इसमें 19602 उदयपुर एक्सप्रेस साढ़े तीन घंटे लेट , तो 20503 डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेसदो घंटे लेट न्यूजलपाई गुड़ी से खुली वही हाल 12423 डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस का रहा यह ट्रेन भी दो घंटे से ज्यादा विलंब से चली वही 01666 अगरतला-रानी कमलापति स्पेशल ट्रेन लगभग पांच घंटे विलम्ब से चल रही थी. वही 12377 सियालदह-न्यू अलीपुरद्वार पदातिक एक्सप्रेस तीन घंटे तो 06105 नागरकोइल जं.-डिब्रूगढ़ स्पेशल जो पहले से ही लेट चल रही थी. इस घटना के कारण और ज्यादा लेट से चली, दिल्ली से आ रही 20506 नई दिल्ली-डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस किशनगंज से दो घंटा लेट खुली लेकिन न्यू जलपाई गुड़ी तीन घंटा लेट पहुंची जबकि 12424 नई दिल्ली-डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेसजो कटिहार से नियत समय से खुली लेकिन किशनगंज एक घंटा लेट पहुंची. वही न्यूजलपाई गुड़ी ढाई घंटा लेट पहुंची., इलाके की सबसे महत्वपूर्ण ट्रेन 22301 हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस अपने नियत समय से तीन घंटा लेट न्यूजलपाई गुड़ी पहुंची.
13 साल पहले भी बाधित हुआ था रेल खंड
बताते चले सितंबर 2011 कटिहार-न्यू जलपाईगुड़ी मेन लाइन पर मांगुरजान स्टेशन के पास एक पेट्रोलियम पदार्थ ले जा रही मालगाड़ी के 20 डिब्बों में आग लग गई थी. उस दौरान लंबे समय तक राजधानी सहित अन्य सभी ट्रेनों को वैकल्पिक रूट सिलीगुड़ी जंक्शन ठाकुरगंज अलुआबाड़ी रोड होकर डायवर्ट किया गया था. अगर, वैकल्पिक रूट न होता, तो पूरे भारत का रेल संपर्क पूर्वोत्तर भारत से टूटा रहता.
डबल ट्रैक की है आवश्यकता
सिलीगुड़ी से अलुआबाड़ी तक सिंगल ट्रैक होने के कारण यहां से गुजरने वाली ट्रेनों को अन्य ट्रेन के आने के कारण रास्ते के स्टेशनों पर खड़ा कर दिया जाता है. इस कारण ट्रेने काफी लेट हो जाती हैं. अगर ट्रैक डबल हो जाता है, तो एक तो ट्रेने लेट होने की समस्या खत्म होगी वहीं ट्रेनों की गति भी बढ़ जाएगी.कई बार हुई है समस्या
सोमवार को ट्रेनों के डाइवर्ट होने के बाद जो समस्या रेल यात्रियों को हुई ऐसी समस्या से इलाके के रेल यात्री दर्जनों बार सामना कर चुके है. लेकिन ट्रेक को डबल किये जाने का मामला कछुआ चाल से चल रहा हैप्रतिनिधियों ने भी की अनदेखी
स्थानीय नागरिक अमित सिन्हा, गुड्डू सिंह, अरुण सिंह, अमरजीत चौधरी, रितेश यादव आदि ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस रेल खंड के साथ सौतेला व्यवहार किया है. न कभी डबल ट्रेक के बारे में सोचा गया जिससे क्रासिंग के दौरान स्टेशनों पर खड़ी रहती हैं ट्रेने वही सुविधाओं के अभाव में प्लेटफार्म पर परेशान होते हैं यात्री. स्टेशन पर मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है ठाकुरगंज स्टेशन पर पर्याप्त शेड भी नहीं है. इस कारण यात्रियों को खुले आसमान के नीचे खड़ा रहना पड़ता है. जहां वे गर्मी, बारिश ठंड से जूझते रहते हैैं.
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